बीजेपी के पूर्व पार्टी पदाधिकारी और पेशे से वकील विजय मिश्रा ने अपनी शिकायत में राहुल गांधी के 2018 के बयान को लेकर मामला दर्ज कराया है. इसमें शिकायत की गई है कि राहुल गांधी ने बेंगलुरु में 2018 में गृहमंत्री अमित शाह को “मर्डरर” कहा था, जिसको लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. शिकायत में मांग की गई है कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम दो साल की सजा होनी चाहिए.
इससे पहले सूरत कोर्ट ने भी इसी तरह के मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी और जिसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. कांग्रेस नेता के खिलाफ मोदी सरनेम से संबंधित एक केस में सजा सुनाई गई थी. उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर तलवार लटकने लगी थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद राहुल गांधी को राहत मिली और उनकी सदस्यता दोबारा बहाल हुई. ऐसे में इस नए मामले को लेकर कांग्रेस पहले से ही हमलावर हो गयी है.
बीजेपी के लोग रचते रहते हैं साजिश- अशोक गहलोत
कांग्रेस सांसद मानिग टैगरो ने एक ट्वीट में कहा कि यह राहुल गांधी की आवाज दबानी की कोशिश है. कांग्रेस नेता मानिक टैगोर ने इस मामले में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहां है कि यह लगातार राहुल गांधी की आवाज दबाने की कोशिश है लेकिन हम इस मामले में झुकने वाले नहीं हैं. राहुल गांधी को समन भेजे जाने के मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग लगातार षड्यंत्र रचते रहते हैं. अब 2024 में इनका षडयंत्र कामयाब नहीं होगा. ये लोग न्यायपालिका पर भी दबाव डालते हैं.
राहुल गांधी को लड़नी पड़ेगी कानूनी लड़ाई
हालांकि लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही महीने का वक्त बचा है लेकिन जिस तरह से समन जारी हुआ है, लिहाजा राहुल गांधी को कानूनी लड़ाई इसमें भी लड़नी पड़ेगी. ऐसे में सूरत के बाद कांग्रेस के कान खड़े होना लाजमी है. कांग्रेस नेता को सूरत की एक निचली अदालत ने जून महीने में दो साल सजा सुनाई थी. इसके तुरंत बाद रहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. बाद में, राहुल गांधी सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट भी गए लेकिन राहत नहीं. बाद में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें राहत मिली और उनकी सदस्यता बहाल की गई.