अमेरिका के न्याय विभाग की ओर से भारतीय नागरिक पर लगाए गए गंभीर आरोप पर भारत सरकार ने जवाब दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा है कि अमेरिका की ओर से एक व्यक्ति की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिक का संबंध बताया जाना चिंताजनक और सरकारी नीतियों के विपरीत है.

अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि 52 साल का एक भारतीय नागरिक जो भारत सरकार का कर्मचारी भी है, उसने न्यूयार्क शहर के निवासी की हत्या की साजिश रची थी. विभाग ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू का नाम नहीं लिया है लेकिन उसका इशारा पन्नू की ओर है क्योंकि गुरवतपंत सिंह पन्नू अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में ही रहता है. विभाग के मुताबिक, यह भारतीय नागरिक (निखिल गुप्ता) सुरक्षा प्रबंधन और खुफिया सूचनाओं को देखता था.

निखिल गुप्ता पर यह भी आरोप है कि उसने पन्नू की हत्या के लिए एक लाख डॉलर देने की बात कही थी. इसमें से 15 हजार डॉलर की अडवांस पेमेंट 9 जून 2023 को कर दी गई थी. लेकिन, जिस शख्स को इस काम के लिए हायर किया गया था, वह अमेरिकी एजेंसी का ही खुफिया एजेंट था.

भारत ने अमेरिका को दिया जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे कहा, “अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर बातचीत के दौरान अमेरिकी पक्ष ने हमारे साथ कुछ इनपुट शेयर किए हैं. इस इनपुट में संगठित अपराधियों, बंदूकधारियों, आतंकवादियों और अन्य चरमपंथियों के बीच सांठगांठ का जिक्र है. हम ऐसे इनपुट को बहुत ही गंभीरता से लेते हैं. साथ ही इस मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं को देखने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है. जांच समिति के निष्कर्षों के आधार पर ही आगे आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.”

अरिंदम बागची ने आगे कहा है कि जहां तक एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज किए गए मामले की बात है, अमेरिकी अदालत ने कथित तौर पर इसे एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा है, जो कि चिंता का विषय है. हमने कहा है कि यह सरकार की नीतियों के भी विपरीत है. संगठित अपराध, तस्करी, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बंदूकबाजी, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और संगठनों के लिए एक गंभीर मुद्दा है. यही कारण है कि एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है. हम इसके परिणामों पर आगे की कार्रवाई करेंगे.