चीन के वुहान में फैल रही बीमारी से संभव है जल्द ही अधिक जानकारी मिल सके. दरअसल यूरोप के कुछ देशों में भी इस तरह की बीमारी फैल रही है. ऐसे में भारत को इस बात की आस है कि जल्द से जल्द यूरोप से कुछ डेटा आएगा और वह काम का साबित होगा. एम्स में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ संजय राय ने खास बातचीत में बताया कि चीन के बीमारी से हमें बहुत कुछ जानकारी नहीं मिल रही है. ऐसे में यूरोप में फैल रही बीमारी हमारे लिए एक नई उम्मीद की किरण ला रहा है.

क्यों हो रहे यूरोप में लोग परेशान

चीन में जिस रहस्यमयी बीमारी से बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं, ऐसी ही हालात यूरोप के कुछ देशों में भी देखने को मिल रही है. नीदरलैंड समेत कुछ देशों में सांस के मरीजों की संख्या अचानक से बढ़ती जा रही है. ऐसे में सबके जेहन में यह सवाल कौंध रहा है कि कहीं यूरोप में भी तो चीन के रहस्यमयी बीमारी ने डेरा तो नहीं डाल दिया.

यूरोप के डेटा पर यकीन

डॉ संजय राय ने कहा कि यूरोप में इस बीमारी को लेकर वहां का वैज्ञानिक वर्ग सजग हो गया है. उन्होंने कहा कि वहां रिसर्च शुरू हो गया है कि आकिरकार यह है क्या… किस वजह से आम लोगों को सांस की बीमारी अपनी चपेट में ले रहा है. उन्होंने कहा कि यूरोप को बीमारी छुपाने की आदत नहीं है. ऐसे में वहां के डेटा के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जा सकती है.

एम्स में होगा पब्लिक लेक्चर

डॉ संजय राय ने बताया कि चीन की रहस्यमयी बीमारी से आम हिन्दुस्तानी के मन में डर और खौफ का माहौल है. वह इस बात को लेकर सशंकित है कि कहीं फिर से तो कोविड का वह दौर देखने को नहीं मिलेगा जिसकी चपेट में कई जिंदगियां खत्म हो गई. इन्हीं सभी भ्रांतियों को दूर करने के लिए एम्स ने अगले कुछ दिनों में एक पब्लिक लेक्चर शुरू करने का फैसला किया है.