तेलंगाना में पहली बार कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए तैयार है. तेलंगाना में कांग्रेस के लिए ये सफलता किसी जादू से कम नहीं है. तेलंगाना में कांग्रेस के लिए ये जादू करने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी हैं. रेवंत रेड्डी केसीआर के खिलाफ चुनाव में ताल ठोक रहे हैं.
इससे पहले कांग्रेस को तेलंगाना में साल 2014 में 19 और 2019 में 21 सीटें मिली थीं. कांग्रेस के लिए ये जीत बहुत मायने रखती है इसलिए नहीं कि उसने एक और राज्य में बीजेपी को हराया है या फिर उसे एक और राज्य में सत्ता मिलने जा रही है. कांग्रेस के लिए ये सफलता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उसने तेलंगाना में एक रिजनल पार्टी को हराकर सत्ता हासिल की है. जहां बीजेपी साउथ इंडिया से साफ हो चुकी है, वहीं कांग्रेस के लिए दक्षिण में एक और राज्य में सफलता हासिल करना कई मायनों में खास है.
कांग्रेस की इस जीत पर बहुत कुछ कहा जा रहा है, बहुत कुछ लिखा जा रहा है लेकिन जिस एक व्यक्ति की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो हैं रेवंत रेड्डी. रेवंत रेड्डी, तेलंगाना में कांग्रेस की इस धमाकेदार जीत के नायक बनकर उभरे हैं. उनकी बात इसलिए भी हो रही है क्योंकि उनका स्वभाव संघर्ष का है, उनकी छवि तेलंगाना में एक जननेता की है. यही कारण है कि जब वो टीडीपी के साथ थे तब भी वहां की जनता का उन्हें प्यार मिला और जब वो कांग्रेस के साथ हैं तब भी वो कमाल कर रहे हैं.
एबीवीपी से हुई राजनीति की शुरुआत
रेवंत रेड्डी के बारे में एक खास बात ये है कि उनकी राजनीति की शुरुआत एबीवीपी से ही हुई थी. रेवंत रेड्डी ने एबीवीपी से राजनीति की शुरुआत की थी. रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ भी काम किया है लेकिन पहली बार टीडीपी से विधायक बने. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के साथ काम करने के बाद रेवंत रेड्डी कांग्रेस में शामिल हो गए. रेवंत फिलहाल कांग्रेस के सांसद हैं. इससे पहले दो बार टीडीपी से और एक बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. रेवंत रेड्डी को साल 2021 में सोनिया गांधी ने प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया, ये रेवंत रेड्डी के लिए बहुत बड़ा दिन था. क्योंकि कई सीनियर नेताओं को दरकिनार कर रेवंत रेड्डी को ये अहम जिम्मेदारी मिली थी. महज 4 साल में रेवंत रेड्डी ने पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने का काम किया है. तेलंगाना में कांग्रेस के लिए ये सच में जादू है!