हमारे सारे पड़ोसी देशों में अरब गल्फ के कुछ देश बेहद खास है. इन्ही में से एक देश है ओमान जिसके सुल्तान हैथम-बिन-तरीक जल्द ही भारत के दौरे पर आने वाले हैं. यह दौरा इसी महीने यानी दिसंबर की दूसरी तिमाही के दौरान हो सकता है. ओमान के सुल्तान का यह दौरा काफी खास माना जा रहा है क्योंकि इसराइल-हमास जंग के बीच यह किसी अरब सुल्तान का भारत में पहला दौरा है. यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि दोनों देशों के नेताओं के बीच पश्चिम एशिया के हालातों पर विशेष चर्चा हो सकती है.
माना जा रहा है की ओमान के सुल्तान का दौरा दिसंबर की दूसरी तिमाही यानी 15-16 दिसंबर के बीच हो सकता है. ओमान G-20 सम्मेलन में भारत का अतिथी देश था. लेकिन, ओमानी सुल्तान तब भारत नहीं आ पाए थे. इस दौरे को सुल्तान की एक भरपाई के तौर पर भी देखा जा रहा है. एनएसए अजीत डोभाल ने अपनी मस्कट यात्रा के दौरान ओमान के सुल्तान को भारत आने का न्योता दिया था.
इजराइल-हमास युद्ध पर ओमान का रूख
बाकी के खाड़ी देशों की तरह ओमान भी इजराइल-हमास युद्ध पर सख्त है. उसका मानना है की गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई को समाप्त किया जाना चाहिए. साथ ही गाजा में हुए हमलों की जांच भी की जानी चाहिए. पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ एक बातचीत में, ओमान के सुल्तान हैथम-बिन-तरीक ने अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकार को कायम रखने और उनका सम्मान करने के महत्व के बारे में बातचीत की थी.
ओमान और भारत में संबंध
दोनों देशों के बीत संबंधों की बात की जाए तो, ओमान ऐसा पहला खाड़ी देश है, जिसने भारत के साथ औपचारिक सैन्य-संबंध स्थापित किए हैं. ओमान अरेबियन गल्फ में भारत का सबसे करीबी और सबसे भरोसेमंद डिफेंस पार्टनर है. साथ ही ओमान ने भारतिय नौसेना को अपने रणनीतिक बंदरगाह डुक्म तक पहुंच की इजाजत दी है. राजनीतिक रूप से, ओमान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की आकांक्षा का समर्थन करता रहा है. ओमान में रहने वाले नागरिक लगभग 700,000 भारतीय हैं.