सूरज की सतह पर बहुत बड़ा छेद हो गया है। इसकी चौड़ाई 8 लाख किलोमीटर है। इसमें 60 पृथ्वी समा सकती हैं। इस छेद से सोलर विंड पृथ्वी की तरफ आ रही हैं।

लाइव साइंस न्यूज के मुताबिक, छेद सूरज की भूमध्यरेखा यानी इक्वेटर पर बना है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इसकी खोज 2 दिसंबर 2023 को हो गई थी, लेकिन 24 घंटे में इसकी चौड़ाई 8 लाख किलोमीटर हो गई। यह 4 दिसंबर से लगातार पृथ्वी की तरफ सोलर विंड फेंक रहा है।

इससे रेडियो और सैटेलाइट कम्युनिकेशन टूट सकता है। साथ ही GPS सिस्टम और वायरलेस इक्विपमेंट्स भी प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि इससे मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट और बिजली की सुविधाओं पर कोई असर नहीं होगा। आसमान में चमकती हुई लाइट भी देखने को मिल सकती है।

छेद को कोरोनल होल कहते हैं

एक साइंटिस्ट ने कहा- छेद का अचानक से चौड़ा होना चिंता की बात है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे रेडिएशन निकल रहे हैं और तीव्र रेडिएशन वाली सोलर लहरें तेजी से पृथ्वी की तरफ आ रही हैं। इस छेद को कोरोनल होल कहते हैं।

नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के मुताबिक, कोरोनल होल्स तब बनते हैं जब सूरज को एक ही जगह पर थामे रखने वाली मैग्नेटिक फील्ड अचानक से फट जाती है। इससे गैप हो जाता है। इस गैप वाली जगह पर गहरे रंग का छेद हो जाता है। इस छेद से फिर तेजी से रेडिएशन निकलता है।