Mahua Moitra: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट को लोकसभा में पेश कर दिया गया है. विपक्ष ने इस मुद्दे पर भारी हंगामा किया है. एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने महुआ मोइत्रा के मामले में अपनी प्रथम रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने इस दौरान जोरदार नारेबाजी की. उनका कहना है कि महुआ को जानबूझकर निशाना बनाया गया है.

एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा को ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में लोकसभा से निष्काषित करने की सिफारिश की गई है. विपक्षी सांसदों का कहना है कि महुआ को सदन से निष्काषित करने पर फैसला लेने से पहले कमेटी की सिफारिशों पर सदन में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए. महुआ के खिलाफ एथिक्स कमिटी ने पिछले महीने रिपोर्ट को स्वीकार किया था. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर लोकसभा में पेश की गई रिपोर्ट में क्या-क्या सिफारिशें की गई हैं.

रिपोर्ट में क्या सिफारिशें की गईं?

महुआ मोइत्रा के खिलाफ पेश हुई रिपोर्ट में तीन ऐसे पहलू हैं, जिन पर एथिक्स कमेटी ने काफी विस्तार से जांच की है. इसमें ये भी बताया गया है कि महुआ पर क्या कार्रवाई होनी चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि महुआ मोइत्रा ने लोकसभा लॉगिन क्रेडेंशियल यानी लोकसभा ‘मेंबर पोर्टल’ की यूजर आईडी और पासवर्ड एक अनधिकृत शख्स को शेयर कर ‘अनैतिक आचरण’ और ‘सदन की अवमानना’ की है. इसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी पड़ा है.

टीएमसी सांसद के इस गंभीर कदम के लिए कड़ी सजा की जरूरत है. इसलिए, समिति सिफारिश करती है कि महुआ मोइत्रा को 17वीं लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित किया जा सकता है. महुआ के जरिए किए गए अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण को देखते हुए कमेटी भारत सरकार के जरिए समयबद्ध तरीके से गहन, कानूनी, संस्थागत जांच की सिफारिश करती है.