विधानसभा चुनाव परिणाम आए 5 दिन हो चुके हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अभी तक मुख्यमंत्री के नामों का ऐलान नहीं कर सकी है. पार्टी ने आज शुक्रवार को तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम पर सहमति बनाने के लिए 3-3 पर्यवेक्षकों का ऐलान कर दिया है. अब सवाल यह उठता है कि राजस्थान में 3 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के क्या मायने हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ही आखिर पर्यवेक्षक के रूप में जयपुर क्यों भेजा जा रहा है. इसके पीछे के मायनों पर नजर डालते हैं.

बीजेपी ने मध्य प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर के लक्ष्मण और आशा लकड़ा को पर्यवेक्षक चुना है तो छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा और सर्बानंद सोनोवाल के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम को पर्यवेक्षक बनाकर रायपुर भेजा गया है. इसी तरह राजस्थान के लिए पार्टी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.

राजनाथ सिंह को लेकर क्या खास प्लान

माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक के रूप में राजस्थान भेजे जाने के पीछे का मकसद यह है कि बीजेपी आलाकमान यह चाहता है कि कथित बाड़ेबंदी की जो घटना जयपुर में हुई और वसुंधरा राजे सिंधिया के इसमें शामिल होने के आरोप तक लगे, उस वजह से आगे यहां कोई विरोध न हो और विधायक दल की बैठक में किसी भी रूप में वसुंधरा राजे विरोध ना करें.

राजनाथ सिंह के अलावा दो अन्य पर्यवेक्षक जो पार्टी संगठन से जुड़े 2 बड़े नाम हैं. राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को इसलिए जयपुर भेजा जा रहा है ताकि सभी विधायकों से वन टू वन संवाद कर सभी विधायकों को संगठित किया जा सके.

राजनाथ का राजस्थान से पुराना ‘नाता’

साथ ही पार्टी आलाकमान ने वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में सांसद दिया कुमारी और वसुंधरा राजे के बीच राजमहल के जमीनी विवाद को ध्यान में रखते हुए राजनाथ सिंह को भेजा है क्योंकि उस विवाद में राजनाथ सिंह ने ही वसुंधरा राजे और दिया कुमारी के बीच मुख्य भूमिका निभाते हुए सुलह करवाई थी. सबसे अहम बात यह है कि राजनाथ सिंह को भेजने का एक मकसद यह भी है कि राजस्थान में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए कास्ट इक्वेशन को भी साधना है. यह माना जा रहा है कि डिप्टी सीएम की रेस में दिया कुमारी का नाम भी शामिल किया जा सकता है.