उत्तर प्रदेश में वाराणसी के कोयला व्यवसाय नंदकिशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने के मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है. आरोपी माफिया मुख्तार अंसारी को वाराणसी कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 5 साल 6 माह की सजा सुनाई है. साथ ही 10000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. यह फैसला अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रथम/ एमपी एमएलए अदालत के प्रभारी उज्जवल उपाध्याय ने सुनाया है.
दरअसल, महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने के मामले में गुरुवार को आरोपी मुख्तार अंसारी का बयान अदालत में दर्ज किया गया था. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश हुआ था.
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के हस्ताक्षर के बाद फैसला आया है. सुनवाई के दौरान संयुक्त निदेशक अभियोजन हरि किशोर सिंह और वादी के अधिवक्ता विधानचंद यादव और ओपी सिंह ने अभियोजन का पक्ष रखा था.
1997 में वाराणसी के भेलूपुर थाने में दर्ज हुई थी FIR
बता दें कि 22 जनवरी 1997 को वाराणसी के रवींद्रपुरी कॉलोनी के रहने वाले कोयला व्यवसाय नंदकिशोर रूंगटा का अपहरण कर लिया गया था. इस मुकदमे की विवेचना के बीच 5 नवंबर 1997 की शाम नंद किशोर रूंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को फोन करके धमकी दी गई थी. कहा गया था अपहरण कांड में पैरवी न करें. नहीं तो बम से उड़ा दिया जाएगा. इस मामले में 1 दिसंबर 1997 को वाराणसी के भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.