ईरान की राजधानी तेहरान में भीषण धमाका हुआ है. ईरानी एविएशन एंड स्पेस फोर्स हेडक्वार्टर में ये धमाका हुआ है. धमाके के बाद हेडक्वार्टर से आग की लपटे उठती दिखीं. भीषण धमाके ने मिडिल ईस्ट में संकट और बढ़ने की आशंका बयां की है. गाजा पट्टी और लेबनान बॉर्डर पर जारी जंग के बीच इस धमाके से अमेरिका और ईरान के बीच टकराव बढ़ सकता है.

विस्फोट इतना जोरदार था कि आग की ऊंची-ऊंची लपटे काफी देर तक हेडक्वार्टर से उठती रहीं. जानकारी के मुताबिक एविएशन एंड स्पेस फोर्स के इस हेडक्वार्टर से ही मिसाइल और ड्रोन की सप्लाई होती थी. आशंका है कि इसी जगह से इजरायल और अमेरिका के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हमास, हिज्बुल्लाह और हूती विद्रोहियों तक घातक हथियार भेजे जा रहे थे.

हालांकि अभी तक इस धमाके की असली वजह का खुलासा नहीं हुआ है. ये हादसा है या साजिश इससे लेकर अभी ईरान ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन गाजा जंग के बीच ऐसी घटना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. अमेरिका और इजरायल ने प्रॉक्सी समूहों को लेकर हालही में ईरान को चेतावनी थी और कहा था कि ईरान आग से खेलना बंद करे.

गैस स्टेशनों पर साइबर अटैक

तनाव के बीच ईरान के गैस स्टेशनों पर इजरायली हैकर्स ने साइबर अटैक किया. ईरान के करीब 60 से 70 फीसदी गैस स्टेशनों पर कामकाज ठप होने से हाहाकार मच गया. ईरान ने गैस स्टेशनों पर हुए साइबर हमले का आरोप इजरायल और अमेरिकी हैकर्स पर लगाया है.

ईरान तेल मंत्रालय के मुताबिक इस घटना की वजह से सोमवार को देशभर में सिर्फ 30 फीसदी तक ही गैस स्टेशनों पर कामकाज हुआ. टाइम्स आफ इजरायल ने साइबर हमले के लिए इजरायली हैकर्स समूह ‘गोंजेश्को दारांदे’ को जिम्मेदार ठहराया. देश में कुल 33 हजार गैस स्टेशन हैं. लेकिन गैस आपूर्ति में आ रही दिक्कतों के वजह से गैस स्टेशनों पर दिनभर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं. इस दौरान स्टॉक और आपूर्ति डेटा में भारी गड़बड़ी देखने को मिली.

2022 में भी इजरायली हैकर्स के इसी समूह ने ईरान के एक प्रमुख स्टील कंपनी को हैक कर लिया था. 2000 के अंत में स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस ने ईरान के न्यूक्लियर सेंटर में सेंट्रीफ्यूज को बाधित कर दिया था. हाल के कुछ सालों में ईरान में कई बार साइबर हमले हुए हैं. अब इजरायल के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर छेड़ने के आरोपों के बीच ईरान पर ऐसे हमलों की आशंका बढ़ गई है.