इंडिया गठबंधन की मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव का पूरा खाका खींचने की कोशिश की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए 28 विपक्षी दलों की बैठक में इंडिया गठबंधन के पीएम फेस का नाम भी उछला. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष और दलित नेता मल्लिकार्जुन खरगे का नाम पीएम फेस के लिए प्रस्तावित किया है.

इसके पीछे बड़ी वजह मानी जा रही है कि, एक तो राहुल पीएम की रेस से दूर होंगे जो अखिलेश, केजरीवाल जैसे नेताओं की उम्र के हैं, वहीं इससे फिलहाल नीतीश और उद्धव के संयोजक बनने पर पलीता लगा है जो ममता, केजरीवाल और अखिलेश की तुलना में कांग्रेस के ज्यादा करीबी हैं. हालांकि, अभी भी ममता और केजरीवाल के इस दांव के पीछे की सियासी चाल पर कयासों का बाजार गर्म है.

मंगलवार को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई, इसमें 28 दल शामिल हुए थे. बैठक में सीट शेयरिंग के साथ-साफ पहली रैली, पीएम फेस, ईवीएम और अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. बैठक के दौरान संसद से निलंबित किए गए 141 सांसदों का मुद्दा भी उठा और इस संबंध में एक निंदा प्रस्ताव पेश किया गया. बैठक में गठबंधन ने 22 दिसंबर को

गठबंधन की बैठक से जुड़ी बाकी अहम बातें

इंडिया गठबंधन की बैठक में खरगे ने कहा कि हम बस गृह मंत्री और प्रधानमंत्री में सदन में आने और संसद की सुरक्षा में चूक के बारे में विस्तार से बात करने के लिए कह रहे हैं. बीजेपी के दोनों ही नेता इस पर सहमत नहीं हुए हैं. खरगे ने कहा कि हम घटना के बाद से ही बोल रहे हैं कि गृहमंत्री और प्रधानमंत्री को बयान देना चाहिए लेकिन वो नहीं माने.

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि पीएम मोदी संसद सत्र के दौरान गुजरात में उद्घाटन करने जा सकते हैं, रैलियों कर सकते हैं, लेकिन संसद में नहीं बोल सकते हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. एक साथ इतने सांसदों के निलंबन की हम निंदा करते हैं.

खरगे बोले- हमारा पहला काम चुनाव जीतना

खरगे के नाम का प्रस्ताव भले ही ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने दिया हो, लेकिन खरगे ने मौके पर ही कहा है कि, प्रधानमंत्री कौन होगा इसका फैसला हम जीतने के बाद ही करेंगे. हमारा पहला काम चुनाव जीतना है. इसके बाद हम तय करेंगे कि प्रधानमंत्री कौन होगा. लोकसभा में पूरा आंकड़ा आने के बाद ही हम पीएम फेस को लेकर कोई फैसला करेंगे. इसके साथ-साथ बैठक में सीट बंटवारे को लेकर भी चर्चा हुई. इस पर 31 दिसंबर तक कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.