‘मुझे भरोसा नहीं था कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण आएगा और जब आया तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.’ ये शब्द हैं रविन्द्र गुप्ता उर्फ भोजपाली बाबा के. मध्य प्रदेश के बैतूल में सनातन धर्म का प्रचार कर रहे भोजपाली बाबा को अयोध्या श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण आया है. निमंत्रण आने से बाबा खुश हैं और उनके भक्तों में भी खुशी है. बाबा ने संकल्प लिया था कि जब तक भव्य राम मंदिर नहीं बनेगा तब तक अविवाहित रहेंगे. बाबा का संकल्प पूरा हो गया और गांव वाले उन्हें अयोध्या भेजने की तैयारी कर रहे हैं.

दरअसल, भोजपाली बाबा ने 32 साल पहले जब वे 21 के थे, तब श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर संकल्प लिया था कि जब तक मंदिर नहीं बनेगा तब तक भी अविवाहित रहेंगे. राम मंदिर निर्माण को लेकर उन्होंने अपना परिवार त्याग दिया और संत बन गए. अब सनातन धर्म का प्रचार कर रहे हैं और समाज सेवा कर रहे हैं. अब भोजपाली बाबा 52 साल के हो गए हैं और अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं.

भोपाल के रहने वाले हैं बाबा भोजपाली

21 साल की उम्र में कर सेवकों के साथ अयोध्या गए थे तभी से उन्होंने भव्य श्री राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया था. दर्शन शास्त्र और एक अन्य विषय में MA करने के साथ ही उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है. भोजपाली बाबा का परिवार संघ की पृष्ठभूमि का है. बचपन से ही उन्होंने देश भक्ति के लिए कार्य किए हैं. 1992 में भोजपाली बाबा राम मंदिर को लेकर कारसेवकों के साथ अयोध्या गए थे.

बाबा ने 21 साल में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर अविवाहित रहने का संकल्प लिया और सनातन धर्म के लिए संन्यासी बन गए. हालांकि, बाबा ने कुछ दिन वकालत भी की है. उनके परिवार में माता-पिता के 3 भाई और हैं. जब बाबा ने परिवार छोड़ा तो उनकी मां ने रोकने की कोशिश की थी, पर बाबा नहीं रुके और घर से निकल गए. बाबा ने तीन बार नर्मदा परिक्रमा की है. परिक्रमा के दौरान उनकी माता जी का निधन हो गया था, पर वे अंतिम संस्कार में इसलिए शामिल नहीं हुए कि परिक्रमा अधूरी रह जाती.

भोजपाली बाबा पिछले 10 साल से बैतूल के मिलानपुर गांव में हैं और मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं. बाबा विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री हैं और सनातन धर्म का प्रचार कर रहे हैं. उनका मानना है कि देश मे सनातन धर्म को स्थापित करने ही अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी गई है.

रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा देखने का सपना साकार होते देखा बाबा भोजपाली की आंखों में भी चमक दिख रही है. समारोह में शामिल होने को लेकर उनमें उत्साह भी दिख रहा है. उनके साथ ही ग्रामीणों में भी खुशी है.

गांव के कृष्ण कांत गावंडे का कहना है कि बाबा को गाजे-बाजे के साथ अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा. साथ रहने वाले मोनू का कहना है कि बाबा ने अपना पूरा जीवन भगवान श्री राम और समाज को समर्पित कर दिया है.