Delhi: देश में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. 8 महीने बाद कुछ राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से केंद्र सरकार गंभीर है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. देश के अन्य राज्यों में कोरोना तेजी से फैल रहा है. वहीं दिल्ली का कोविड रेट दूसरे राज्यों के मुकाबले कम है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने 21 दिसंबर बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना सकारात्मकता दर सिर्फ 0.48 प्रतिशत है और यह आंकड़ा अन्य राज्यों की तुलना में कम है.
19 दिसंबर को केरल में 537 आरटी-पीसीआर परीक्षण किए गए, जिसमें सकारात्मकता दर 20.75% थी. वहीं कर्नाटक में 487 परीक्षण किए गए, जिसमें 2.41% सकारात्मकता दर दर्ज की गई. इस बीच दिल्ली में 208 परीक्षण किए और 0.48 फीसदी सकारात्मकता दर दर्ज हुई. बयान में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आने वाले इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण वाले सभी रोगियों का कोविड-19 परीक्षण किया जाएगा.
सौरभ भारद्वाज ने की थी बैठक
साथ ही वायरस की पहचान करने के लिए सकारात्मक परीक्षण नमूनों की जीनोम अनुक्रमण किया जाएगा. चीन में नवंबर 2023 के दौरान बच्चों में निमोनिया सहित श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री की ओर से श्वसन चिकित्सा के विशेषज्ञों के साथ एक बैठक बुलाई गई थी. इसके बाद बिस्तर क्षमता, उपलब्ध मानव संसाधन, रेफरल सेवाएं, परीक्षण क्षमता, रसद, चिकित्सा ऑक्सीजन की उपलब्धता आदि जैसे अलग-अलग मापदंडों पर तैयारियों का आकलन करने के लिए 13 से 17 दिसंबर के बीच दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी.
दिल्ली में अब तक कोरोना से 26,669 मौत
दिल्ली में 19 दिसंबर को कोरोना के 3 मरीज सामने आए थे. एक मरीज पहले ही इलाज ले रहा था. फिलहाल दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज जारी है. देश में जब से कोरोना की एंट्री हुई है, तब से अब तक दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 20 लाख 14 हजार 448 दर्ज हो चुकी है. वहीं 26,669 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत भी हो चुकी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को दिए सख्त निर्देश
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दो दिन पहले अलग-अलग राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की थी. इस दौरान उन्होंने राज्यों में टेस्टिंग बढ़ाने के साथ-साथ सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने के निर्देश दिए थे. स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से कहा गया था कि कोरोना के नए वेरिएंट से सतर्क रहने की जरूरत है, घबराने की नहीं. मनसुख मांडविया की तरफ से कहा गया था कि फेस्टिव सीजन को देखते हुए सतर्कता ज्यादा जरूरी है. गौरतलब है कि कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 की देश में एंट्री होने के बाद कई राज्यों में अलर्ट रहते हुए गाइडलाइन जारी की गई है. लोगों को मास्क पहनने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई है.