रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के चुनाव में संजय सिंह ने जीत दर्ज की थी, जो पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी रहे हैं. संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत कई रेसलर नाराज हैं. ये रेसलर्स काफी समय से बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इन सभी की मांग की थी कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला को होना चाहिए.

अब संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद साक्षी मलिक ने गुरुवार (21 दिसंबर) को संन्यास का ऐलान कर दिया. अब बजरंग पूनिया ने भी एक बड़ा कदम उठाते हुआ है. बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का फैसला किया है. बजरंग ने सोशल मीडिया पोस्ट करके इस बात की जानकारी दी है. पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी. पूनिया ने ये चिट्ठी भी X पर शेयर की है. बजरंग पूनिया ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है.’

टोकियो में किया था कमाल

बजरंग पूनिया ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं. बजरंग ने 2019 में कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था. उस चैम्पियनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था. यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में उनका तीसरा मेडल रहा. टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग से वैसे तो गोल्ड मेडल की आस थी, लेकिन उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. 65 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से मात दी थी.

फिर कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जीता गोल्ड

बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था. पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 मात दी. बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था.