41 श्रमिकों के सिलक्यारा सुरंग से निकाले जाने के बाद से निर्माण कार्य बंद है. सुरंग के फिर निर्माण काम कब शुरू होगा इसको लेकर अब कई तरह की बातें सामने आने लगी हैं. निदेशक एनएचआईडिसियल अंशु मनीष खल्खों के मीडिया को दिए गए बयान से असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

निदेशक ने किया काम शुरू होने का दावा

उन्होंने कहा कि सुरंग के सिलक्यारा सिरे पर जांच के बाद ही काम शुरू होगा, लेकिन बड़कोट सिरे पर कंपनी में काम शुरू कर दिया है.

सुरंग के निर्माण काम को लेकर मौजूदा हालात को जानने के लिए आज तक की टीम सुरंग के उस मुहाने पर पंहुची, जहां से काम शुरू होने की बात सामने आई थी.

‘भूस्खलन के कारण की जांच कर रही है टीम’

मौजूदा हालात के मुताबिक, अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है, जिसकी पुष्टि कार्यदाई संस्था के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर एम के शर्मा ने की है. एम शर्मा ने आजतक से बातचीत में बताया कि अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है. सिर्फ डी वाटरिंग की जा रही है जो कि प्रक्रिया का एक हिस्सा है और सुरक्षा की दृष्टि से ये किया ही जाता है. अभी तक बड़कोट पोल गांव से सिलक्यरा तक कुल 1700 मीटर तक सुरंग बनाई जा चुकी है. सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के कारणों की जांच के लिए आठ सदस्यी जांच टीम 3-4 दिन पहले आई थी.

इस टीम ने सुरंग में सुरक्षा सपोर्टिंग सिस्टम को देखा रॉक बोल्टिंग के रॉक पुलआउट की जांच की और कंक्रीट की थिकनेस भी जांची गई थी, लेकिन सिलक्यारा सुरंग में निर्माण कार्य कब पटरी पर लौटेगा, इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है. लेकिन इतना तय है कि सुरंग का निर्माण शुरू करने से पहले कैविटी का उपचार कार्य किया जाना है. इसके लिए खास योग्यता रखने वाली निर्माण एजेंसी का तय मानकों पर चयन होगा.

सूत्रों के अनुसार, जो 41 श्रमिक सुरंग में फंसे थे. उनसे से भी जांच टीम 11 नवंबर की रात से लेकर 12 नवंबर की सुबह तक के घटनाक्रम को जानेगी. इसके लिए अगले 20 दिन के अंतराल में उन श्रमिकों को एनएचआइडीसीएल दिल्ली बुला सकता है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि जांच करीब 20 दिन में पूरी होनी तय है और जांच पूरी होते ही कैविटी की समस्या को दूर करने के बाद सुरंग निर्माण की अनुमति मिल जाएगी.

‘दोनों ओर बंद है सुरंग का निर्माण कार्य’

वहीं, चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन 4.531 किमी लंबी सिलक्यारा सुरंग में 12 नवंबर की सुबह सिलक्यारा की ओर कैविटी खुलने के कारण भारी भूस्खलन हुआ था. इससे सुरंग का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया और 41 श्रमिक 17 दिन अंदर फंसे रहे. 12 नंवबर से लेकर अब तक सुरंग का निर्माण कार्य बड़कोट और सिलक्यारा, दोनों तरफ से पूरी तरह से बंद है. सुरंग में करीब 480 मीटर के करीब खुदाई होनी शेष है.