अभी तक की जानकारी के मुताबिक राजस्थान मंत्रिमंडल में करीब 18 विधायकों को शामिल किया जा सकता है. इनमें 12 केबिनेट मंत्री और 6 राज्यमंत्री हो सकते हैं. प्रदेश में मंत्री बनने का मौका किस-किस को मिलेगा, ये इस खबर को लिखे जाने तक साफ नहीं हो सका है. वैसे अनुमान है कि राजस्थान में भी युवाओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
मंत्रिमंडल में क्षेत्र और जाति का दिखेगा संतुलन
पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के नये मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की थी. ये मुलाकात कैबिनेट गठन के संबंध में की गई थी. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल जो नाम निकलकर सामने आए हैं, उनमें बाबा बालकनाथ, शैलेश सिंह, संदीप शर्मा, जवाहर सिंह बेदम और महेंद्र पुरी जैसे विधायक शामिल हैं.
प्रदेश में मुख्यमंत्री के साथ ही दो डिप्टी सीएम बनाये गये हैं. लिहाजा सूत्र ये बता रहे हैं कि प्रदेश के नये मंत्रिमंडल में क्षेत्र और जाति के समीकरण को विशेष आधार बनाया जा सकता है. पार्टी की कोशिश ऐसे चेहरे को सामने लाने की होगी, जिसका असर 2024 के लोकसभा के चुनाव पर भी दिखे.
एमपी-छत्तीसगढ़ में हो चुका मंत्रिमंडल गठन
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आधे से अधिक उन नेताओं को मंत्री बनाया गया है जो पहली बार विधायक बने हैं. मध्य प्रदेश में इनकी संख्या 61 फीसदी तो छत्तीसगढ़ में 55 फीसदी है. छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में केवल 4 पूर्वमंत्रियों को जगह दी गई है तो वहीं मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार में रहे केवल 6 विधायक ही मंत्री बन सके हैं. सूत्र बताते हैं कि राजस्थान में भी यही ट्रेंड दिख सकता है.