दक्षिण अफ्रीका ने इजराइल पर गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया है. इजराइल तीन महीने से गाजा में बमबारी कर रहा है, जिसमें कमोबेश 21,500 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. दक्षिण अफ्रीका की तरफ से इंटरनेशनल कोर्ट में दायर एक याचिका में कहा गया है कि इजराइल गाजा में राष्ट्र, नस्ल और एक जातीय समूह का विनाश कर रहा है. याचिका में कहा गया है कि इजराइल गाजा में लगातार बमबारी करके फिलिस्तीनियों को शारीरिक और मानसिक रूप से टॉर्चर कर रहा है.
इजराइल विरोध करने वालों पर हमास के बचाव का आरोप लगाता है. इजराइली विदेश मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के दावे में कोई सच्चाई नहीं है और इसका कोई न्यायिक आधार नहीं है. यह अदालत का नफरती और सस्ता शोषण है. इजराइल विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि दक्षिण अफ्रीका एक “आतंकवादी समहू” के साथ सहयोग कर रहा है और इजराइल राज्य को नष्ट करने की अपील कर रहा है. मंत्रालय ने 7 अक्टूबर को “नरसंहार को अंजाम देने” की कोशिश करके गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों के नुकसान के लिए हमास को दोषी ठहराया.
संयुक्त राष्ट्र नरसंहार संधि के उल्लंघन का आरोप
दक्षिण अफ़्रीकी का दावा है कि इजराइल जिस तरह से गाजा में बमबारी कर रहा है वो संयुक्त राष्ट्र नरसंहार संधि का उल्लंघन है. साथ ही दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने कन्वेंशन के तहत फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों और उन्हें और ज्यादा नुकसान से बचाने के लिए जल्द कार्रवाई और कोई उपाय निकालने की मांग की है. याचिका में अंधाधुंध बमबारी और फिलिस्तीनियों को जबरन बेघर करने के मामलों का हवाला दिया गया है, जहां हजारों मकान जमींदोज कर दिए गए हैं. इजराइली सेना ने स्कूल-कॉलेज से लेकर अस्पताल तक पर बम बरसाई हैं.
इजराइल और दक्षिण अफ्रीका आईसीजे के सदस्य
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को वर्ल्ड कोर्ट भी कहा जाता है, जो देशों के बीच विवादों को निपटाने का काम करता है. आईसीजे इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से अलग है, जो वॉर क्राइम की स्थिति में संबंधित शख्स पर मुकदमा चलाता है. आईसीजे यूनाइटेड नेशन सिविल कोर्ट के रूप में काम करता है. चूंकि दक्षिण अफ्रीका और इजराइल दोनों यूनाइटेड नेशन के सदस्य हैं और इसलिए वे अदालत के फैसलों और प्रक्रियाओं से बंधे हैं.