अयोध्या में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जोर शोर से तैयारियां की जा रही हैं. हर कोई इस ऐतिहासिक दिन का गवाह बनने की तैयारी में हैं. वहीं इस मुद्दे पर जमकर राजनीति भी हो रही है. बीजेपी की तरफ से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में निमंत्रण न दिए जाने से कई विपक्षी दल के नेता काफी नाराजगी जाहिर रहे हैं और बीजेपी पर राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं इस मुद्दे पर शिवसेना प्रमुख (यूबीटी) उद्धव ठाकरे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है अयोध्या जाने के लिए उन्हें किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं है.
‘जब चाहूंगा तब रामलला के दर्शन करूंगा’
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोई न्योता नहीं भेजा गया है. उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को ही अयोध्या जाया जाए ये कोई जरूरी नहीं है. वो जब चाहेंगे जब उनका मन होगा वो रामलला के दर्शन करने जा सकते हैं. इसके लिए उन्हें किसी के निमंत्रण देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है.
‘मंदिर के लिए सैंकड़ों लोगों ने दिया बलिदान’
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण में सभी का हाथ है. इसके लिए सैंकड़ों लोगों ने अपना बलिदान दिया है. उद्धव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर को बीजेपी ने नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने बनाया है. ऐसे में इस पर राजनीति नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था वो तब भी वो रामलला के दर्शन करने अयोध्या गए थे, और आगे भी जब वो चाहेंगे अयोध्या जाएंगे.
कई राजनेताओं को नहीं मिला निमंत्रण
आपको बता दें कि 22 जनवरी को होने वाले इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मंदिर के ट्रस्ट ने कई बड़ी हस्तियों को निमंत्रण भेजा है. जिनमें राजनीतिक पार्टियों के मुखिया भी शामिल हैं, वहीं कई राजनीतिक हस्तियों का आरोप है कि उन्हें इसका न्योता नहीं भेजा गया. जिस पर कई लोगों ने नाराजगी जाहिर की है.