भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा से लगे राजौरी और पुंछ जिलों में आतंकी हमलों को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के इंतजामों को और भी पुख्ता करने का फैसला किया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार ने 50 और एडवांस बुलेट प्रूफ वाहन वहां भेजे हैं. सरकार की इस पहल से सैन्य जवानों की सुरक्षा मजबूत होगी. जवानों को जंगल में छिपे आतंकियों का सफाया करने में भी मदद मिलेगी.

ये बुलेट प्रूफ लाइट स्पेशलिस्ट वाहन विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बनाए गए हैं. राजौरी-पुंछ के जंगली इलाकों में आवागमन के दौरान जवान इन्हीं एडवांस बुलेट प्रूफ अरमाडो वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

युद्ध के लिए बनाया गया

सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में एडवांस बुलेट प्रूफ अरमाडो वाहनों की संख्या बढ़ने से सेना पहले से और सुरक्षित हो जाएगी. अरमाडो लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल है. भारतीय सेना के बेड़े में हाल ही में ही इसे शामिल किया गया है. अगस्त के महीने में भारतीय सेवा में यह वाहन शामिल हुआ था.

इस पर ना गोली का असर होता है, ना बम का. 1000 किलो की भार क्षमता और 160 की स्पीड इसकी खास पहचान है. महिंद्रा अरमाडो भारत की पहली आर्मर्ड लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल है जिसे भारतीय सेना के लिए पूरी तरह भारत में बनाया गया है.

कितना सुरक्षित है अरमाडो वाहन?

अरमाडो ALSV को पूरी तरह युद्ध क्षेत्र में इस्तेमाल के लिए बनाया गया है. भारतीय सेना इस वाहन का उपयोग सीमा और संवेदनशील क्षेत्रों में पेट्रोलिंग और स्पेशल ऑपरेशन के लिए करेगी. इसके अलावा ये वाहन लड़ाई के समय सैनिकों को सुरक्षित लाने, ले जाने के काम आएगी. अरमाडो की कुछ खास क्षमताओं की बात करें तो इसमें 1,000 किलो वजन उठाने की क्षमता के साथ 400 किलोग्राम का अतिरिक्त भार सहने की क्षमता है.

वहीं गोला बारूद से सुरक्षा के लिए इसमें बी7 लेवल का बैलेस्टिक प्रोटेक्शन और STANAG लेवल-2 प्रोटेक्शन भी दिया गया है. इसका मतलब है कि आर्मर कवच को भेदने वाले राइफल्स भी इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगे. इसके अलावा इसे ग्रेनेड और बम के हमले से बचाने के लिए चारों तरफ से आर्मर्ड प्रोटेक्शन दी गई है. ALSV में ATGM, MMG, MOUNT AGS,AGS Grenade Launcher से दुश्मन पर निशान धागा जा सकता है.