जापान में नए साल की शुरूआत भूकंप के एक के बाद एक भूकंप के तेज झटकों से हुई. 18 घंटों में 155 झटके लगे. इनमें 7.6 तीव्रता का झटका और 6 से अधिक तीव्रता का झटका शामिल हैं. अधिकांश भूकंप की तीव्रता 3 से अधिक थी. बड़ी बात ये है कि सिर्फ दो घंटे के भीतर 40 से ज्यादा झटके लगे. 7.6 तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटकों के बाद जापान में महाविनाश का खतरा मंडरा रहा है.
समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रहीं है. अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है. करीब एक लाख लोगों को तटीय इलाकों से शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है. तटीय इलाकों के निवासियों से कहा कि वे अपने घरों में न लौटें क्योंकि घातक लहरें अभी भी आ सकती हैं.
सबसे बड़े भूकंप की तीव्रता 7.6 थी, जिससे जापान के मुख्य द्वीप होंशू के पश्चिमी तट पर आग लग गई और इमारतें ढह गईं. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने स्थानीय समयानुसार सोमवार शाम 4 बजे के तुरंत बाद इशिकावा के तट और आसपास के प्रान्तों में जापान सागर में एक दर्जन से अधिक तेज भूकंपों की सूचना दी.
सरकार के प्रवक्ता योशिमासा हयाशी ने कहा कि भूकंप से कम से कम छह घर क्षतिग्रस्त हो गए और लोग अंदर फंस गए. उन्होंने कहा कि इशिकावा प्रान्त के वाजिमा शहर में आग लग गई और 30,000 से अधिक घरों की बिजली गुल हो गई.
सुरक्षित क्षेत्र में जाने का निर्देश
मौसम विज्ञान एजेंसी ने शुरू में इशिकावा के लिए एक बड़ी सुनामी की चेतावनी जारी की और होंशू के पश्चिमी तट के बाकी हिस्सों के साथ-साथ देश के सबसे उत्तरी मुख्य द्वीप, होक्काइडो के लिए निचले स्तर की सुनामी की चेतावनी जारी की. हयाशी ने जोर देकर कहा कि लोगों के लिए तटीय क्षेत्रों से दूर जाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हर मिनट मायने रखता है, इसलिए तुरंत सुरक्षित क्षेत्र में चले जाएं.