भारत से पंगा लेने के बाद मालदीव में सियासी भूचाल

इन दिनों भारत पर मालदीव का मुद्दा गरमाया हुआ है, भारत की ताकत को नजरअंदाज करना मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर भारी पड़ सकता है. पहले ही मालदीव का विपक्ष भारत के साथ रिश्तों में खटास लाने के लिए वहां की सरकार को दोषी ठहरा रहा है और अब राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है.

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को हटाने की पहल वहां के संसदीय अल्पसंख्यक नेता अली अजीम ने की है. उन्होंने मालदीव के नेताओं से मुइज्जू को कुर्सी से बेदखल करने में मदद करने की गुजारिश की है. अली अजीम ने कहा है कि हमारी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) पार्टी मालदीव की विदेश नीति में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. हम किसी भी पड़ोसी देश को विदेश नीति से अलग-थलग नहीं करने देंगे. उन्होंने अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं से पूछा है कि क्या वे राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हैं.

टूरिज्म एसोसिएशन ने भी की आलोचना

भारत से पंगा लेना मालदीव पर भारी पड़ता दिख रहा है. बड़ी तादाद में भारतीय पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल होने और ट्रैवल कंपनियों के विरोध के बाद अब मालदीव की टूरिज्म एसोसिएशन ने भी अपने मंत्रियों के बयान की आलोचना की है. मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वह भारतीय प्रधानमंत्री और भारत के लोगों के खिलाफ अपने मंत्रियों की टिप्पणी की निंदा करते हैं.

जब भी संकट आया भारत ने की मदद

मालदीव टूरिज्म एसोसिएशन ने आगे कहा,’भारत हमारा निकटतम पड़ोसी और सहयोगी है. इतिहास में जब भी हमारा देश संकट से घिरा तो सबसे पहले भारत की तरफ से ही प्रतिक्रिया आई है. सरकार के साथ-साथ हम भारत के लोगों के भी आभारी हैं कि उन्होंने हमारे साथ इतने घनिष्ठ संबंध बनाए हैं. मालदीव के टूरिज्म क्षेत्र में भी भारत लगातार अहम भूमिका अदा करता आया है. कोविड-19 के बाद इससे हमारे टूरिज्म सेक्टर को उबरने में बड़ी मदद मिली है. मालदीव के लिए भारत शीर्ष बाजारों में से एक है.’

भारत से माफी मांगे मालदीव सरकार

भारतीय प्रधानमंत्री पर बयानबाजी के बाद मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब का भी बयान आया है. उन्होंने मालदीव की सरकार से कहा है कि उन्हें भारत से माफी मांगनी चाहिए. अदीब ने कहा है कि राष्ट्रपति मुइज्जू को पीएम मोदी के पास जाकर इस राजनयिक संकट को सुलझाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि भारतीय नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी स्वीकार करने लायक नहीं है.