अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को लेकर केंद्र सरकार के रवैये पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार द्वारा एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा जारी रखने का विरोध करने को मुसलमानों के प्रति नफरत करार दिया है. ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार का विरोध से मुसलमानों के प्रति मोदी सरकार की नफरत सबके सामने आ गई है.

ओवैसी ने सोशल साइट एक्स पर ट्वीट किया है, “मोदी सरकार एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने का यह कहकर विरोध कर रही है कि यह एक “राष्ट्रीय संस्थान” है. संविधान का अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों द्वारा स्थापित और प्रशासित किसी भी संस्था की रक्षा करता है.” उन्होंने कहा कि एएमयू शुरू से ही एक अल्पसंख्यक संस्थान रहा है, जिसने भारत के विकास में योगदान दिया है. मुसलमानों के प्रति मोदी सरकार की नफरत सबके सामने है. यह मुसलमानों को उच्च शिक्षा प्राप्त करना और मुख्यधारा में भाग लेना बर्दाश्त नहीं कर सकता.”

बता दें कि केंद्र सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बरकरार रखने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही सात न्यायाधीशों की पीठ को बताया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय राष्ट्रीय चरित्र का संस्थान है. केंद्र ने कहा कि एएमयू, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की तरह, राष्ट्रीय चरित्र का एक संस्थान है, और कहा कि ऐसा कोई भी विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हो सकता है.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बरकरार रखने के मुद्दे पर याचिकाओं पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय की सात-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने ये बातें रखीं.

सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ कर रही सुनवाई

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की पीठ इस सवाल पर फैसला करेगी कि क्या संसदीय कानून द्वारा बनाए गए शैक्षणिक संस्थान को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त है.

केंद्र सरकार ने कोर्ट में बताया कि राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष लोकाचार और प्रकृति के कारण एएमयू शैक्षिक ‘राष्ट्रीय चरित्र’ की एक संस्था है, इसे इस सवाल के बावजूद अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता है कि क्या इसकी स्थापना और प्रशासन अल्पसंख्यक द्वारा किया गया था.