कांग्रेस ने आखिर क्यों स्वीकार किया प्राण प्रतिष्ठा का न्योता

कांग्रेस के नेता अक्सर अपनी हरकतों से चर्चा में आ जाते हैं अब एक बार फिर से कांग्रेस ने कुछ ऐसा किया की हर जगह सिर्फ कांग्रेस की ही बाते हो रही है, दरअसल कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के न्योते को ठुकरा दिया है. कांग्रेस पार्टी ने इसे आरएसएस-बीजेपी का इवेंट बताया है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि अधूरे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे. ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को स्वीकार नहीं कर कांग्रेस ने एक नई बहस छेड़ दी है. कांग्रेस ने बीजेपी पर राम मंदिर को राजनीतिक मुद्दा बनाने का आरोप लगाया है.

कांग्रेस पार्टी ने धर्म को निजी मामला बताते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के न्योते को ठुकरा दिया है. इसको लेकर देश में एक अलग तरह की सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी इस मुद्दे को हवा तो दे ही रही है जबकि कांग्रेस के अंदर भी इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के न्योते पर कांग्रेस के नेता क्या-क्या बोल रहे हैं?

राजनीति में नहीं होना चाहिए धर्म का इस्तेमाल

राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि भगवान राम हम सबके हैं. धर्म का उपयोग राजनीति में नहीं होना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि जिस राम लला की मूर्ति पर सारा झगड़ा हुआ, वो मूर्ति कहां है? वहीं, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि चुनाव जीतने के लिए राम मंदिर पर राजनीति हो रही है.