कश्मीर में क्यों नहीं गिरी इस साल बर्फ

दिल्ली सहित पूरे भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. जहां इस समय उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ बर्फ से ढके रहते थे, वहां आज दूर-दूर तक बर्फ दिखाई नहीं दे रही है. पहाड़ बिल्कुल सूखे पड़े हुए हैं. पहाड़ों की ‘जन्नत’ को किसी की नजर लग गई है. ऐसा क्या हुआ है कि हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी नहीं हुई? इसकी वजह का खुलासा देश के मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने किया है.

हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी न होने के सवाल पर डायरेक्टर जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि इस साल कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बहुत कम बर्फबारी हुई है. इसका मुख्य कारण यह है कि इस क्षेत्र से कोई महत्वपूर्ण पश्चिमी विक्षोभ नहीं गुजरा है. सामान्यतः हर महीने करीब पांच पश्चिमी विक्षोभ इस क्षेत्र को प्रभावित करते हैं. इस साल विक्षोभ तो आया है, लेकिन कोई खास नहीं रहा है.

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पिछले तीन महीनों से बारिश नहीं होने के सवाल पर IMD के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि हमने कई शोधकर्ताओं के साथ मिलकर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के डेटा का विश्लेषण किया है. विश्लेषण से पाया कि पिछले 50 सालों में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र यानी जम्मू कश्मीर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और निश्चित रूप से लद्दाख में बारिश में कमी देखी गई है. यदि महीने के हिसाब से भी देखा जाए तो दिसंबर, जनवरी, फरवरी और सभी सीजन के हर महीने में गतिविधि में कमी की प्रवृत्ति दिखाई देती है. इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति और तीव्रता में भी गिरावट देखी गई है.

सर्दियों में क्यों बढ़ रहा तापमान?

उन्होंने कहा कि सर्दियों के महीनों के दौरान तापमान बढ़ रहा है. यदि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में दक्षिण से उत्तर की ओर देखा जाए तो तापमान 100 सालों में लगभग एक डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ रहा है, जबकि अन्य भागों में 100 सालों में 0.63 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ोतरी हो रही है. तीसरी खास बात यह है कि जब अल नीनो वर्ष होता है तो प्रवृत्ति यह होती है कि सर्दियों के मौसम में भी उत्तर भारत में तापमान बढ़ जाता है इसलिए ठंडे दिन और शीत लहर की स्थिति कम हो जाती है. इस साल भी आप देखिए शीतलहर की स्थिति काफी कम रही है.