बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को महागठबंधन से अलग होकर सरकार गिरा दी और उसी दिन एनडीए में शामिल होकर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. इसी के साथ जेडीयू इंडिया गठबंधन से भी बाहर आ गई. जेडीयू के बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए में लौटने पर पार्टी नेता केसी त्यागी ने कहा है कि कांग्रेस के कारण जेडीयू ने इंडिया गठबंधन छोड़ा.

केसी त्यागी ने कहा इंडिया अलायंस की पार्टियों के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो सका. बाहर से सब कुछ सामान्य दिख रहा था लेकिन कांग्रेस गठबंधन पार्टियों के साथ राजनीति कर रही थी, जबकि हम काम कर रहे थे और गठबंधन को मजबूत करते रहे. कांग्रेस महत्वपूर्ण पद हथियाने में लगी थी. वो सपा, डीएमके, टीएमसी और अन्य क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने की कोशिश कर रही थी. एक बार राहुल गांधी ने कहा था कि क्षेत्रीय दलों के पास कोई विचारधारा नहीं है. इस कारण हमने गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जेडीयू गठबंधन से बाहर निकलने को पूर्व नियोजित बताया, जिस पर केसी त्यागी कहा कि अगर यह पूर्व नियोजित था, तो हमने गठबंधन की पहली बैठक पटना में क्यों आयोजित की? हम आप (कांग्रेस) जैसी ‘अछूत’ पार्टी के साथ ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव को क्यों लेकर आए? दिल्ली में ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे को गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया था. कांग्रेस पार्टी हमेशा इसे हथियाना चाहती थी.

उन्होंने कहा कि हमने गठबंधन से नाता इसलिए तोड़ा क्योंकि गठबंधन का कोई भविष्य नहीं है. कांग्रेस बड़े पदों को कब्जाने में लगी है. कांग्रेस पार्टी गठबंधन दलों को कमजोर करना चाहती थी, प्रधानमंत्री के पद को हथियाने में लगी थी. यही कारण है कि हम गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया. हम लालू यादव जी के अच्छे स्वास्थ की कामना करते हैं.