किसी समय भारत की सबसे टॉप कंपनी रह चुकी सहारा इंडिया आज इतनी कंगाल हो चुकी है कि उसके पास अपने इन्वेस्टर्स को पैसा देने के लिए भी नहीं है, जिन लोगों ने Sahara India कंपनी में अपना पैसा इन्वेस्ट किया था उन लोगों ने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि उनका डूबा हुआ पैसा कभी बाहर निकल भी सकता है, इसी बीच 4 अगस्त 2023 को सहारा इंडिया की तरफ से एक बहुत बड़ी अपडेट आई थी, केन्द्र सरकार की पहल पर सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया और बताया गया था कि निवेशकों का पैसा उन्हें वापस किया जाएगा, वहीं सहारा इंडिया परिवार के मालिक सुब्रत राय की भी मौत हो चुकी है, तो वही अब रुख करते है नर्मदापुरम की और तो सहारा पीड़ितों द्वारा ज्ञापन दिया गया और इस पूरी घटना के लिए उचित कारवाही की मांग की गयी।
वही ज्ञापन द्वारा अवगत कराया गया है कि देश भर में सहारा से पीड़ित निवेशकों का भुगतान सहारा प्रबंधन तंत्र की हठधर्मिता एवं कूटरचित साजिश के कारण देश भर के निवेशकों का पैसा डूबने के कगार पर है, देश भर में करोड़ो निवेशक अपने पैसे के भुगतान के लिए देश के विभिन्न जगहों पर बड़े पैमाने पर जगह-जगह आंदोलन, धरना प्रदर्शन करके भारत सरकार का ध्यान कराने की कोशिश किया गया, देश में संयुक्त ऑल इण्डिया जन आन्दोलन संघर्ष न्याय मोर्चा ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया और केन्द्रीय रजिस्ट्रार सोसाइटी को लाखों पत्र भेजकर अपने सम्पूर्ण भुगतान की मांग किया और विभिन्न फोरमों पर भी अपना पक्ष रखा, जिसके क्रम में केन्द्रीय रजिस्ट्रार सोसाइटी ने और देश की सरकारों ने कई समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के माध्यम से माननीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री (अमित शाह) जी ने अवगत करवाया की पीड़ित निवेशको का सम्पूर्ण भुगतान किया जायेगा जिसमे माननीय सहकारिता केन्द्रीय राज्य मंत्री बी.एल.वर्मा जी का भी पत्र शामिल है।
सरकार ने सहारा सेबी के खाते से 5000 करोड रूपये जारी करवाने के लिए मा० सुप्रीम कोर्ट में जाना सरकार की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगाता है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इस पैसे के आड़ में सहारा प्रबंधन तंत्र के ऊपर लगे तमाम मुकदमो से क्लीन चिट दिलाकर सहारा प्रबंधन को पूरी तरह से दोषमुक्त करा दिया जाये, तमाम आशंकाओ के बीच महोदय विभिन्न मुद्दों पर बिन्दुवार आपको सूचित करता चाहते हैं कि सहारा प्रबन्धन और सरकार दोनों ही अपने व्यक्तिगत लाभ हित को देखते हुए देशभर के करोड़ो निवेशकों के साथ अन्याय कर रही है, जिससे देशभर में भारी आक्रोश है और साथ-साथ जमाकर्ता एवं कार्यकर्ता में वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा हो गयी है, लोग कार्यकर्ताओं को पैसे के लिए गाली गलौज एवं मारपीट करने लगे है, ऐसे में लोगों के पास आत्महत्या के सिवाय कोई रास्ता नहीं दिखता है।
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और इस मामले में ये अनुरोध किया गया है कि सहारा पीडितो की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से सहारा प्रबन्धन तंत्र के सम्पत्तियों की नीलामी एवं कार्यवाही करवाने का आदेश जारी करके सम्पूर्ण भुगतान का आदेश पारित कराये या फिर देश के 13 करोड निवेशकों को आपके द्वारा सामूहिक इच्छामृत्यु का आदेश जारी करने की कृपा करें या तो देश के निवेशकों का सम्पूर्ण भुगतान करायें या फिर 13 करोड़ निवेशकों को इच्छामृत्यु का आदेश दे दे ऐसे ज्ञापन द्वारा पीड़ितों ने अपना दर्द बयां किया है अब देखना ये होगा की इसपर सरकार क्या कदम उठाती है।