कहीं कोहरे ने किया परेशान, तो कहीं ठंड ने किया लोगों का हाल बेहाल, अब प्रदेश में ठंडी का असर धीरे धीरे कम होने लगा है और दिन के समय में लोगों को गर्मी का एहसास होने लगा है, लेकिन अब सवाल ये है की इस साल गर्मी का असर क्या रहने वाला है? फरवरी के महीने में ऐसा मौसम डराने वाला है. तो क्या इस साल भी मार्च में ही भीषण गर्मी शुरू हो जाएगी? क्या ग्लोबल वॉर्मिंग और अल नीनो की वजह से इस साल भी रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ेगी. बता दें कि पिछले साल भी मार्च में भीषण गर्मी पड़ने लगी थी और तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच गया था.

दरअसल, पिछले साल हर महीने तापमान के नए रिकॉर्ड बने और दिसंबर तक लोग ठंड का इंतजार करते रहे. पहाड़ों पर बर्फबारी नहीं हुई और घूमने जाने वालों को निराशा हाथ लगी. जनवरी के दूसरे सप्ताह में कड़ाके की ठंड का अहसास होना शुरू हुआ. फरवरी शुरू होते ही कई राज्यों में बारिश शुरू हो गई और लगा कि सर्दी अब ज्यादा सताएगी. लेकिन, हुआ बिल्कुल इसके उल्टा और बारिश के बाद तापमान बढ़ गया.

मौसम क्यों हो रहा इतना ज्यादा गर्म?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही इस साल कम सर्दी पड़ने की भविष्यवाणी कर दी थी. दिसंबर 2023 में IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युजंय महापात्र ने बताया था कि ठंड कम पड़ेगी. दिसंबर से लेकर फरवरी तक देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है. बता दें कि इसकी वजह प्रशांत महासागर में भूमध्यरेखा के आसपास अल-नीनो का मजबूत होना है.

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अल-नीनो की वजह से भारत ही नहीं इसकी वजह से पूरी दुनिया के मौसम में बदलाव आया है. इस वजह से मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर और अरब सागर में समुद्री सतह का तापमान बढ़ गया है. इस वजह से पूरी धरती का तापमान बढ़ रहा है. पिछले साल दिसंबर में दुबई में आयोजित COP28 Climate Summit में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने एक डराने वाली रिपोर्ट पेश की थी. जिसके अनुसार, साल 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म साल रहा. इसकी वजह अल-नीनो है और यह इस साल भी गर्मी बढ़ाएगा.