आये दिन हम लिफ्ट हादसे के बारे में सुनते हैं, जिसमे न जाने कितनो की जान जा चुकी है, कभी कभी लिफ्ट में छोटे बच्चों के फसने की भी खबरे हम सुनते हैं, अब इन्हीं हादसों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कमर कसली है, दरअसल उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज लोकायुक्त का कार्यकाल 8 साल से 5 साल किए जाने के लिए बने लोकायुक्त और उपलोकायुक्त विधयेक 2024 को पेश किया जाएगा. इसके अलावा बहुमंजिला इमारतों में लिफ्ट के रखरखाव के लिए बने लिफ्ट एवम एक्सलेटर विधयेक 2024 को भी आज ही सदन के पटल पर रखा गया. बीती पांच फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई थी. बहुमंजिला भवनों में लिफ्ट में हो रही दुर्घटनाओं को रोकने और जवाबदेही तय करने के लिए ही अब कानून बनाने की तैयारी है. इसके लिए ‘यूपी लिफ्ट और एस्केलेटर विधेयक’ आज पेश किया गया.
क्या-क्या खास है यूपी लिफ्ट एक्ट में?
बहुमंजिला इमारतों पर जाने के लिए लोग ज्यादातर लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं. आए दिन लिफ्ट से जुड़े हादसे सामने आते रहते हैं. इन हादसों को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिफ्ट में यात्रियों की सुरक्षा व रख-रखाव के लिए कानून बनाने के निर्देश दिए थे. प्रस्तावित लिफ्ट एक्ट में लिफ्ट का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा. संस्थानों को इस एक्ट के तहत दुर्घटना बीमा भी कराना होगा.
एक उच्चस्तरीय बैठक में सीएम ने कहा कि शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के बढ़ने के कारण लिफ्ट और एस्केलेटर का इस्तेमाल बढ़ रहा है. ज्यादा आवाजाही वाले जगहों पर लिफ्ट और एस्केलेटर को बनाए जाने, संचालन और रख-रखाव ठीक ढंग से न किये जाने की शिकायतें मिलती रहती हैं. इसका इस्तेमाल सामान्य व्यक्तियों के साथ-साथ बुजुर्ग, बच्चे, बीमार व दिव्यांगजन भी करते हैं. इसलिए, इसकी स्थापना, संचालन और रख-रखाव के लिए एक खास प्रकिया तय करना व उसका पालन करना जरूरी है. देश के दूसरे राज्यों की तरह यहां भी लिफ्ट एक्ट जल्द लागू किया जाए.