मथुरा, वृन्दावन और बरसाना की होली का उत्सव देखने दुनिया भर से लोग आते हैं. यहां होली की शुरूआत बसंत पंचमी से ही हो जाती है. रंग-गुलाल के साथ ही यहां फूलों, लड्डुओं ओर लाठ्ठियों वाली होली यानी लठ्ठमार होली होती है. बसंत पंचमी से पूरे 40 दिन मथुरा के गांव उत्सव में डूबे रहेंगे.

यहां भगवान कृष्ण और राधा, सखियों और गोपियों के साथ खेलते थे. ब्रज धाम में सिर्फ रंगों से ही नहीं बल्कि कई अन्य तरीकों से भी होली खेली जाती है. लड्डूमार होली ही नहीं गोबर की होली तक का प्रचलन है. होली की यहां कुछ विशेष परंपराएं भी जो लोगों को खूब पसंद आती हैं. बरसाना, मथुरा, वृंदावन, नंदगांव आदि स्थानों पर कब-कब और कौन-कौन सी होली खेली जाएंगी. तो आप भी ब्रज की होली की डेट्स जान लें.

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यह है वृंदावन की होली का शेड्यूल

यह गुलाल उत्सव पूरे 40 दिनों तक चलता है और रंगनाथ मंदिर की होली से इसका समापन होता है. 17 मार्च को फाग आमंत्रण नंदगांव और बरसाना में लड्डू होली खेली जाएगी. वहीं, 18 मार्च को बरसाना में लठमार होली होगी और 19 मार्च को नंदगांव में लठमार होली खेली जाएगी. 20 मार्च को रंगभरनी एकादशी पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश और वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में होली के रंग दिखेंगे. 24 मार्च को होलिका दहन होगा, 27 मार्च को दाऊजी का हुरंगा, 2 अप्रैल को वृंदावन के रंगजी मंदिर में होली उत्सव का आयोजन होगा.