विलुप्त पक्षी गिद्दों का अनोखा सर्वे

रायसेन जिले का एक ऐसा गांव जो एक विशेष पक्षी के नाम से जाना जाता है इस गाँव में कभी इस पक्षी की थी बहुतायत, मप्र सरकार ने इस विलुप्त पक्षी के सर्वे का काम शुरू हो गया है, बही गिद्दों की बहुतायत संख्या के कारण गावँ का नाम भी गीदगढ़ पड़ा, 300 से अधिक बताई जा रही गिद्धों की संख्या

भारत के कई ऐसे शहर हैं जो अपने प्राचीन इतिहास और राजा महाराजाओं के नाम से जाने जाते हैं लेकिन आज हम आपको मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के एक ऐसे गांव के बारे में बता रहे हैं जो एक पक्षी के नाम से प्रसिद्ध है और जाना जाता है जी हा हम बात कर रहे है दीवानगंज के ग्राम गीदगढ़ की, मध्य प्रदेश में गिद्धों की गणना के पहले चरण का कार्य शुरू हो गया है, 16 से 18 फरवरी तक चलने वाली इस गणना में रायसेन वन मंडल के पूर्व, पश्चिम वन विभाग की अलग-अलग टीमों ने गिद्धों की गिनती की जा रही है, वही रायसेन जिले का एक ऐसा गांव है जो गिद्धों के नाम से जाना जाता है इस गांव का नाम है गीदगढ गांव का नाम गिद्धों के नाम पर पढ़ने के पीछे का कारण है कि यहां पर बरसों पहले बड़ी संख्या में गिद्धों का बास हुआ करता था इस कारण इस गाँव का नाम गीदगढ़ पड़ गया था लेकिन धीरे-धीरे गिद्धों की तादाद कम हो गई उनके कम होने की वजह मवेशियों को दर्द निवारक इंजेक्शन लगाना बताए जा रहा है क्योंकि गिद्धों का भोजन मृत मवेशी होते हैं यही कारण रहा है कि धीरे-धीरे इनकी तादाद कम होती चली गई, हालांकि विभाग ने बताया कि उस इंजेक्शन पर सर्वे के बाद रोक लगा दी गई थी इसलिए ही अब इन गिद्धों की तादाद बड़ने लगी है और इनकी संख्या लगभग 300 के आसपास बताई जा रही है।

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रायसेन में गिद्धों की तीन प्रजाति पाई जाती हैं, गिद्धों के संरक्षण के लिए उनके नेटिंग साइट को पहचान कर उनका संरक्षण किया जाता है, गणना अनुसार गिद्धों की संख्या में बढ़ोतरी होने के संकेत मिले हैं, अभी तक की गिनती में 300 से ज्यादा गिद्ध मिले हैं, रायसेन वन मंडल के डीएफओ विजय कुमार ने बताया कि वन मंडल रायसेन के अंतर्गत आने वाले पूर्व, पश्चिम,और सिलवानी वन परिक्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में गिद्धों का प्राकृतिक आवास है, यहां पर गिद्ध की कुल तीन प्रजातियां पाई जाती हैं, 30 से ज्यादा वन विभाग स्टाफ गणना कर रहा है।