सीवनी मालवा नगर पालिका सीएमओ द्वारा कर्मचारी से घर पर काम कराते हुए अभद्र व्यवहार किया गया
विवादों में रही सिवनी मालवा नगर पालिका में एक विवाद और जुड़ गया है, जिसमें नगर पालिका में कार्यरत ब्राह्मण कर्मचारी से घर के काम करवाने के दौरान मांस मटन बनवाने का विवाद तूल पकड़ने लगा है, नपा सीएमओ शीतल भलावी ने नपा के कर्मचारी उमाशंकर वैष्णव से स्वयं के निवास पर मांस मटन बनाने का कहा तो कर्मचारी ने ब्राहम्ण होने के चलते अपनी असमर्थता जताई, तो सीएमओ ने कर्मचारी को लापरवाही के लिए नोटिस जारी कर दिया, जिसके बाद नपा कर्मचारी ने अपनी नौकरी छोड़ दी, गौरतलब है कि सीएमओ की कार्यशैली को लेकर नगर पालिका कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों में भी आक्रोश पनप रहा है।
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जानते हैं क्या है पूरा मामला
सिवनी मालवा नगर पालिका में पदस्थ कर्मचारी पंडित उमाशंकर रामू वैष्णव जो की जाति से ब्राह्मण है, जिनसे नगर पालिका सीएमओ शीतल भलावी के द्वारा अपने आवास पर बुला कर घर के कार्य करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था, जिस पर कर्मचारी पंडित रामू वैष्णव के द्वारा कार्य भी किया जा रहा था, परन्तु विगत दिवस सीएमओ के द्वारा मांस-मटन लाकर कर्मचारी पंडित उमाशंकर रामू वैष्णव को दिया गया और कहा गया की इसे गर्म करके लेकर आओ, जिस पर कर्मचारी के द्वारा कहा गया की मै ब्राह्मण हूँ तथा मांस मटन को हाथ नहीं लगाता हूँ. जिसके बाद नगर पालिका सीएमओ के द्वारा अभद्र व्यवहार करते हुए उक्त कर्मचारी के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया, तथा उशे अलग अलग तरीकों से प्रताड़ित किया जाने लगा. सीएमओ के द्वारा अपने घर के शौचालय साफ करने के लिए कर्मचारी पर दबाव बनाया गया, जिसके बाद कर्मचारी पंडित उमाशंकर रामू वैष्णव के द्वारा मना करते हुए नगर पालिका से काम छोड़ दिया गया, इसके पूर्व में भी सीएमओ शीतल भलावी के द्वारा अन्य कर्मचारियों से घर पर काम कराते हुए अभद्र व्यवहार किया गया था तथा कर्मचारियों को नौकरी से भी निकाल दिया गया था।
नगर पालिका अधिनियम में नगर पालिका कर्मचारी से घर में काम करवाने का कोई नियम नहीं है, इसके बावजूद कई कर्मचारी अधिकारियों के निवास पर काम कर रहे है, जो नगर पालिका के नियमों के विरूद्ध तो है साथ ही नगर पालिका को इससे आर्थिक क्षति भी हो रही है, नपाध्यक्ष रितेश रिंकू जैन का कहना है कि नगर पालिका का कर्मचारी नगर पालिका के कार्यो के लिए होता है, अगर कोई उनसे घर के काम करवाता है तो यह नियम विरूद्ध है, अगर ऐसा पाया जाता है तो उक्त कर्मचारी का वेतन संबंधित अधिकारी के वेतन से वसूली की जाएगी।