समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने लायंस क्लब लायंस एनजीओ संस्था लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर निम्नलिखित आरोप लगाया संस्था द्वारा जिला छिंदवाड़ा से विगत 25 वर्षों से नेत्रदान का काम किया जा रहा है नेत्रदान के नाम पर निकाली गई आंखें कहां जाती है किसको प्रत्यारोपित की जाती है, किसको बेची जाती है संस्था के पदाधिकारी आज तक जवाब नहीं दे पा रहे, मोतियाबिंद ऑपरेशन लेंस के नाम पर किसी से 10000 किसी से 20000 किसी से 50000 रूपये वसूले जाते हैं।
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अस्पताल के द्वारा जो गोली दवाई लिखी जाती है वह केवल परासिया के विजय मेडिकल स्टोर में ही मिलती, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चाँदामेटा में निर्धन गरीबों के नेत्र जांच हेतु जन भागीदारी योजना के तहत 6 लाख रुपए की मशीने लगाई गई थी लायंस क्लब वालों ने उन मशीनों को चाँदामेटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से निकाल अपने निजी अस्पताल में लगाकर मशीनों से व्यापार कर रहे, आँखों के इलाज के नाम पर लोगों की आंख खराब करते हैं ऐसे दो प्रकरण समाज सेवी रिंकू रितेश चौरसिया द्वारा उठाए गए।
उपरोक्त संदर्भित संपूर्ण विषय के अंतर्गत अब देखना यह हैं की शासन प्रशासन दोषियों पर क्या कार्यवाही करता है।