बिहार में NDA की सीट शेयरिंग में आरएलजेपी प्रमुख पशुपति पारस के हाथ खाली रहे थे. उन्हें गठबंधन में एक भी सीट नहीं मिली थी. इसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया था. कहा जा रहा था कि पशुपति पारस अब बागी तेवर दिखा सकते हैं और वह इंडिया ब्लॉक में जा सकते हैं, लेकिन अब पशुपति पारस ने साफ कह दिया है कि वह एनडीए के साथ ही रहेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे भी नेता है और उनका निर्णय हमारे लिए सर्वोपरि है.
बता दें कि एनडीए में एक भी सीट न मिलने के बाद पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा,’मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई. हमें एक भी सीट नहीं दी गई.’ इस्तीफा देने के पहले तक पशुपति पारस मोदी सरकार में खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री थे. पशुपति पारस सीट शेयरिंग में चिराग पासवान की एलजेपीआर को 5 लोकसभा सीटें मिलने से नाराज थे. उन्हें सबसे बड़ी नाराजगी इस बात की थी कि उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई. साथ ही सीट शेयरिंग की घोषणा से पहले उनसे बात तक नहीं की गई.
पशुपति पारस ने लंबी नाराजगी के बाद आखिर चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी रालोजपा, एनडीए का अभिन्न अंग है. पीएम मोदी हमारे नेता है. उनके नेतृत्व में एनडीए पूरे देश में 400+ सीट जीतेगा और तीसरी बार रिकॉर्ड तोड़ बहुमत से NDA की सरकार बनेगी.