मोटर साइकिल पर ले जाई जा रही शराब की पेटिया
अलिराजपुर जिले भर में झाबुआ अलीराजपुर जिले में कहा जाता है कि यहां पर चुनाव जीतने के लिए एक ही माध्यम है कि जो प्रत्याशी दारू और मुर्गी बकरा अपने मतदाताओं को अधिक से अधिक खिला सकता है उसी प्रत्याशी कि जीत सुनिश्चित होती है क्योंकि अधिकांश मतदाता मे आज भी जागरूकता का आभाव है विकाश या भविष्य में विकास की घोषणाएं इस क्षेत्र में काल्पनिक बातो के समान हे यह जमीनी हकीकत है जो प्रादेशिक स्तर के जनप्रतिनिधि शासकीय अधिकारी, स्थनीय अधिकारी भी जानते है और वर्तमान स्थानीय अधिकारी से कलेक्टर महोदय ने आगामी लोकसभा चुनाव निष्पक्ष हो इसके लिए अपनी कमर कस रखी है और कई बार दबिश देकर क्षेत्र में अवैध ढाबों से शराब के ब्लैककरो कि गाड़ियों से एवं मोटरसाइकिल मैं शराब लाने ले जाने वाले को पकड़ कर आदर्श आचार संहिता का पालन करवाने में अपनी सक्रिय कार्यशाली कागजों में बता रहे है वहीं चुनाव प्रभावित न हो इसके लिए कई लोगों को जिला बदर किया गया जा रहा है ताकि स्पष्ट एवं पारदर्शिता से चुनाव सम्पन्न कराए जा सके।
नियमों को ताक में रखकर हो रही शराब की सप्लाई
यूं तो जिले के समस्त जिम्मेदार अधिकारी एवम कर्मचारी स्पष्ट एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए कमर कसे हुए है पर जो चुनाव में सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली शराब हे और शराब कि दुकान समय सीमा के बाद भी पूरे जिले में अपने बाउंसरों के दम पर खुलेआम संचालित हो रही है एवं अपने ही यहां से नियम के विरुद्ध भी शराब कि पेटीया मोटरसाइकिल पर ले जाई जा रही है प्रशासन चाहे तो क्षेत्र में उनकी ही दुकान में लगे हुए कैमरे में देखा जा सकता है फिर भी प्रशासन के द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं करना शराब ठेकेदारों के प्रति यह समर्पण दिखाई देता हैं।
आबकारी अधिकारी के मिली भगत से खुलेआम अवैध शराब का हो रहा है खेल
विगत दिनों अलीराजपुर के पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष महेश पटेल ने एवं सांसद प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के पुत्र विक्रांत भूरिया ने जिला आबकारी अधिकारी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए थे वर्तमान जिला आबकारी अधिकारी के कार्य करने के तरीके से पूरा क्षेत्र वकिफ है और उनकी ही सरपरस्ती में शराब व्यवसाई के द्वारा खुले आम जोबट, उदयगढ़ भाबरा आदि में देर रात तक समय सीमा के बाद भी दुकानें चालू रहती है और आस पास गावों में सप्लाई का काला खेल बेरोक टोक खेला जा रहा है और निष्पक्षचुनाव करवाने के लिए ज़िम्मेदार अधिकारी खामोश है क्योंकी जन चर्चा अनुसार वर्तमान शराब ठेकेदार और जिला अधिकारी के प्रादेशिक स्तर के राजनीती के प्रमुख पद में बैठे हुए उनसे नजदीकि रिश्ते होने का दम भरते हैं जिसके चलते अधिकारी कर्मचारी अपनी कुर्सी खतरे में नहीं डालना चाहता है इन्हीं बातों का फायदा उठाकर जिम्मेदार पर दबाव बनाकर नियमों के उड़ा रहे माखौल अब देखना है कि आदर्श आचार संहिता का नियम आम आदमी के लिए है कि इन रसूखदारों के लिए भी है।