Bangladesh Violence: भारी हिंसा, आगजनी, पथराव के बाद अब बांग्लादेश में उथल-पुथल मची हुई है. लोग अपनी जान को बचाने के लिए देश छोड़ने को भी तैयार हैं, वहीं इस हिंसा में अब तक न जाने कितनो की जाने जा चुकी है.

भारत आने की कोशिश

बता दें की बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग में झुलस रहा है, और सबसे ज्यादा इस आग में हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है, ऐसे में बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू भारत-बांग्लादेश सीमा पर कूचबिहार जिले के कंटीले तारों के दूसरी तरफ एकत्र हो गए हैं. हालात को देखते हुए इलाके में BSF की 157 बटालियन के जवानों को तैनात किया गया है.

5 अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुआ था, इसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, इसके बाद उन्हें अपना इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था, पीएम हसीना के इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में हालात खराब हैं, मंदिर और हिंदू परिवारों को टारगेट किया जा रहा है, इसलिए लोग वहां से सुरक्षित स्थान पर जाना चाहते हैं।

BSF के अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश के ग्रामीणों का एक समूह सीमा के पास पहुंचा, जिससे थोड़ी देर के लिए हंगामा हुआ, BSF के जवानों ने लोगों को तुरंत वापस जाने को कहा, इसके बाद सभी लौट गए, BSF हाई अलर्ट पर है।

निगरानी के लिए बनी समिति

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश में चल रही स्थिति के मद्देनजर मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है. यह समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ कम्युनिकेशन चैनल बनाए रखेगी, ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

वहीं बता दें की इस समिति की अध्यक्षता एडीजी, सीमा सुरक्षा बल, पूर्वी कमान करेंगे. समिति के अन्य सदस्यों में महानिरीक्षक (आईजी), बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय दक्षिण बंगाल, महानिरीक्षक (आईजी), बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय त्रिपुरा, सदस्य (योजना और विकास), भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (LPAI), और, सचिव, LPAI, शामिल हैं.

बांग्लादेश में जबसे हालात बेकाबू हुए हैं तभी से भारत में बांग्लादेश से लगती बॉर्डर पर निगरानी और भी ज्यादा बढ़ा दी गई है, लेकिन इससे पहले पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 1 हजार से ज्यादा बांग्लादेशी हिंदू पहुंच गए थे. वे बॉर्डर पार कर भारत आना चाह रहे हैं. BSF ने उन्हें सतकुरा सीमा पर रोक लिया है. यह घटना जलपाईगुड़ी जिले के दक्षिण बेरूबारी पंचायत की है.

मोहम्मद यूनुस बने अंतरिम प्रधानमंत्री

2006 में नोबेल पुरस्कार पाने वाले यूनुस को मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन द्वारा संसद भंग किए जाने के बाद अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया था, इससे पहले आरक्षण प्रणाली के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर भारत आ गई थीं, शेख हसीना के जाने के बाद यूनुस बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख बन गए हैं।