Shivaji Maharaj statue collapse: महाराष्ट्र में इन दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान का मामला गरमाता जा रहा है. बता दें कि बीते दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी. इस मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. दोनों आरोपी अभी तक फरार हैं.

इसमें प्रतिमा बनाने वाला शिल्पकार जयदीप आप्टे भी है. वो घटना वाले दिन ही कल्याण स्थित अपने घर से भाग गया था. दूसरा आरोपी स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल भी फरार है. वो कोल्हापुर जिले का रहने वाला है.

राजनीतिक क्षेत्र में बवाल

वहीं इस मुद्दे पर सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है और विपक्षी दल लगातार शिंदे सरकार पर निशाना साध रहे हैं. महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए नुकसान की जांच एक विशेष जांच समिति द्वारा की जाएगी.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के साथ भारतीय नौसेना की अध्यक्षता में एक संयुक्त तकनीकी समिति का गठन किया जा रहा है.

फिलहाल क्राइम ब्रांच की टीम फरार आरोपियों की तलाश में दोनों के घर पहुंची थी. मगर, खाली हाथ लौटी. इस मामले में सिंधुदुर्ग पुलिस ने कुल 7 टीम बनाई हैं. इसमें 2 टीम टेक्निकल एनालिसिस के लिए हैं. 5 टीम मुंबई कल्याण थाने, कोल्हापुर और गोवा में अलग-अलग ठिकानों पर आरोपियों की तलाश कर रही हैं.

कैसे हुआ नुकसान?

यह घटना महाराष्ट्र स्थित सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में हुई थी. क्षेत्र में असाधारण मौसम की स्थिति के बाद राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को क्षति हुई थी. बता दें कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन 4 दिसंबर 2023 को सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था.

क्या था प्रतिमा का उद्देश्य?

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को स्थापित करने का उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा के प्रति मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का आदर करना था. साथ ही इसका उद्देश्य आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक जुड़ाव का सम्मान करना भी था.

प्रतिमा पर सियासत तेज

बता दें कि इस मामले में बुधवार को विपक्ष ने ज्वाइंट पीसी करके सरकार को घेरा था. शरद पवार ने राज्य सरकार को अपनी जिम्मेदारी से न भागने की नसीहत दी थी. उद्धव ठाकरे ने सरकार को शिवद्रोही करार दिया था. इसके बाद बीजेपी ने उद्धव को गिद्ध करार दिया और राजनीति न करने की नसीहत दी थी.