Shimla Sanjauli Masjid: शिमला के संजौली क्षेत्र में एक मस्जिद के अवैध हिस्से को लेकर कई दिनों से विवाद हो रहा है, वहीं इस विवाद ने बुधवार को धरना-प्रदर्शन का रूप ले लिया था, प्रदर्शनकारी मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर विरोध जता रहे थे.

मस्जिद को लेकर फैसला

बुधवार को मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर आंदोलन किया गया, जिसको देखते हुए अब मुस्लिम मौलवी की ओर से एक बयान सामने आया है. उनका कहना है कि आपसी प्रेम बनाए रखने के लिए हमने फैसला लिया है कि जो अवैध हिस्सा है उसे हटा दिया जाए.

पुलिस से हुई थी झड़प

बता दें कि प्रदर्शन के दौरान 5 घंटे से ज्यादा स्थानीय लोग सड़कों पर मौजूद रहे. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प भी हो गई.पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग तक कर दी, लेकिन गुस्साए लोगों ने उसे भी तोड़ दिया.

मुस्लिम पक्ष ने लिखा पत्र

सूत्रों के मुताबिक मुस्लिम पक्ष की ओर से कमिश्नर को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में सभी धर्म और समुदाय के लोग हमेशा शांति और भाईचारे के साथ रहे हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि अमन और शांति कायम रहे. इसलिए नगर-निगम अवैध निर्माण कहे जाने वाले हिस्से को सील कर दे. यह मामला कोर्ट में चल रहा है और हम कोर्ट के फैसला का सम्मान करेंगे.

इसके अलावा संजौली उपनगर में भी दुकान बंद करने का फैसला लिया गया है. शिमला में कोई भी दुकान खुली नहीं है और बाजार पूरी तरह से बंद है जिसे लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. व्यापार मंडल ने शिमला लोअर बाजार में व्यापारियों ने विरोध रैली निकाली और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे है. साथ ही जल्द से जल्द अवैध निर्माण को गिराने की मांग कर रहे हैं.

क्यों हुआ था प्रदर्शन?

बुधवार को हुआ विरोध मार्च शिमला के संजौली क्षेत्र में एक मस्जिद के अवैध हिस्से को ध्वस्त करने की मांग को लेकर बुलाया गया था.जिस पर सीएम सुक्खू ने कहा कि सभी को विरोध जताने का अधिकार है, लेकिन यह विरोध सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए.