Bangladesh News: बांग्लादेश की अदालत अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) और 45 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
क्या हैं उन पर आरोप?
बता दें, आरक्षण को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उन पर सामूहिक हत्याओं का आरोप लगाया गया है. बांग्लादेश की इस कोर्ट ने इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया है.
शेख हसीना अगस्त में सत्ता से हटाए जाने के बाद भारत भागकर आ गई थीं. बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की गिरफ्तारी और उन्हें 18 नवंबर को अदालत में पेश करने का आदेश दिया है.
एडवोकेट का हालिया बयान
बीते 13 अक्टूबर को मुख्य अभियोजक एडवोकेट ताजुल इस्लाम ने बताया था कि जिन लोगों ने जुलाई में देश में हुए दंगे और बबाल में भाग लिया था, उनके खिलाफ इस हफ्ते के भीतर ही गिरफ्तारी वारंट और ट्रैवल करने पर बैन लगा दिया जाएगा.
इसके लिए उन सभी के खिलाफ इंटरपोल की मदद ली जाएगी, जो देश छोड़कर भाग चुके हैं. वहीं शेख हसीना अगस्त में सत्ता से हटाए जाने के बाद भारत भागकर आ गई थीं.
मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने मीडिया से कहा कि हसीना के 15 साल के शासन में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हुआ. उन्होंने राजनीतिक विरोधियों को जेल भेज दिया.
अपराधों के पीछे हसीना?
जुलाई से अगस्त तक देश में हुए हत्या जैसे अपराधों के पीछे शेख हसीना का हाथ था. 77 वर्षीय हसीना को बांग्लादेश से भागने के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया हैं.
वहीं भारत में उनकी मौजूदगी की खबर से बांग्लादेश नाराज है. इस वजह से उन्होंने हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है.
सभी आरोपियों को होना होगा पेश
ICT की स्थापना साल 1971 में किए गए नरसंहार के संदिग्धों की जाँच और उन पर मुकदमा चलाने के लिए 2009 में की गई थी, ICT ने शेख हसीना एवं अन्य आरोपितों के खिलाफ अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें 18 नवंबर तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया है.