India Canada Crisis: कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सालों से भारत पर इल्जाम लगते आ रहा है, लेकिन भारत ने भी इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है, लेकिन अब ट्रूडो ने भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों की पोल खुद ही खोल दी है.
ट्रूडो ने खुद किया कुबूल
दरअसल, पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने माना है कि उनके पास कोई पक्का सबूत नहीं है कि खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत शामिल था, भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
ट्रूडो पर भड़का विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ट्रूडो का यह बयान पुष्टि करता है कि कनाडा (Canada) ने भारत पर लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया है, भारत-कनाडा के संबंधों में नुकसान के लिए सिर्फ ट्रूडो जिम्मेदार हैं.
बता दें, यह पूरा मामला पिछले साल जून में शुरू हुआ था जब ब्रिटिश कोलंबिया में निज्जर की हत्या कर दी गई थी, तभी से कनाडा भारत पर आरोप लगते आ रहा है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट आई है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 16 अक्टूबर, 2024 को कनाडा में विदेशी दखल की जाँच करने वाली कमिटी के सामने पेश हुए थे, यहाँ उन्होंने कनाडा में हो रही जासूसी और दखल को लेकर अपना बयान दर्ज करवाया.
निज्जर हत्या का मुद्दा उठाया
उन्होंने इस दौरान भारत के कनाडा के भीतर दखल का पुराना राग छेड़ा, अपने बयान में ट्रूडो ने निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया, उन्होंने कमिटी को बताया कि कनाडा ने भारत को इस संबंध में जानकारी दी थी.
लेकिन जब सबूतों की बात आई तो पीएम ट्रूडो ने खुद स्वीकारा कि उनके पास फिलहाल भारत के खिलाफ कोई भी मजबूत सबूत नहीं है, जिन्हें उन्होंने भारत को उपलब्ध करवाए हों.
सबूतों पर क्या बोले ट्रूडो ?
ट्रूडो ने कहा कि हमने भारत से कहा कि यह पक्का सबूत नहीं है, बल्कि उस समय सिर्फ खुफिया जानकारी थी, उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश थी कि पर्दे के पीछे भारत हमारे साथ सहयोग करे.
वहीं उनका कहना था कि वो हमें सबूत दें जो भी आपके पास हमारे ऊपर हैं, हमारा जवाब था कि यह आपकी सुरक्षा एजेंसी के भीतर है, आपको यह देखना चाहिए कि वे कितना जानते हैं, आपको जुड़ना चाहिए.
निज्जर हत्याकांड में बढ़ा विवाद
मामला तब और भी बढ़ गया जब कनाडा ने निज्जर की हत्या की जांच में भारत के हाई कमीश्नर और अन्य राजनयिकों को संदिग्ध व्यक्तियों’ के रूप में पहचाना, इसके जवाब में, भारत ने कार्यवाहक स्टीवर्ट व्हीलर को तलब करने के बाद छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.