BRICS Summit 2024 in Russia: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल दूसरी बार रूस जा रहे हैं, जहां वह 16वें ब्रिक्स सम्मेलन (BRICS Summit) में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी 22-23 अक्टूबर को रूस में होंगे.

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मोदी के ब्रिक्स सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक करेंगे या नहीं.

कितना खास है ब्रिक्स सम्मेलन

इस साल जुलाई में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी की यह दूसरी रूस यात्रा है, ये दिखाता है कि ब्रिक्स को भारत कितनी अहमियत देता है.

क्या है ब्रिक्स समिट?

बता दें ब्रिक्स एक अनौपचारिक समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. साल 2001 में विश्लेषक जिम ओनील ने ब्राजील, रूस, भारत और चीन के पहले अक्षरों से BRIC शब्द गढ़ा था.

इस शब्द को अपनाते हुए पहला BRIC शिखर सम्मेलन 16 जून, 2009 को रूस के येकातेरिनबर्ग में किया गया. इसका गठन तेजी से बढ़ते विकासशील देशों को एक साथ लाने और पश्चिमी शक्तियों के वर्चस्व का मुकाबला करने के लिए किया गया था.

ब्रिक्स में ईरान, सऊदी अरब और यूएई के सदस्य बनने के साथ ही इस ग्रुप के देश वैश्विक कच्चे तेल का 44 प्रतिशत उत्पादन कर रहे हैं, ये समूह एक भू-आर्थिक ढांचे से एक भूराजनीतिक ताकत बन रहा है, इसे ब्लॉक के हालिया विस्तार में देखा जा सकता है.

क्या है ब्रिक्स का लक्ष्य

ब्रिक्स का लक्ष्य एक खुली, पारदर्शी, समावेशी और गैर-भेदभावपूर्ण बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को स्थापित करना है, डॉलर से इतर एक साझा मुद्रा की बात भी ब्रिक्स करता है.

ब्रिक्स की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज इसके सदस्य देशों की दुनिया के कुल तेल उत्पादन में 44 फीसद हिस्सेदारी है. पांच नए सदस्यों के जुड़ने से ब्रिक्स के सदस्य देशों की कुल जनसंख्या 3.5 बिलियन हो गई है.

यह दुनिया की कुल आबादी का 45 फीसद है. सभी सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था को मिलाकर संयुक्त अर्थव्यवस्था 28.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था का 28 फीसद है.