LCA Tejas mark 1A: भारतीय वायुसेना (IAF) को एक बड़ा झटका लगा है, दरअसल तेजस मार्क-1A (Tejas Mark-1A) लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में देरी हो गई है, अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से इंजन की सप्लाई में देरी के कारण तेजस के एडवांस फाइटर बनाने का प्रोजेक्ट अटका हुआ है.
4.5-जनरेशन फाइटर बनाने का प्रोजेक्ट भी अटका हुआ है, HAL 2024-25 में IAF को केवल 2-3 तेजस मार्क-1A फाइटर ही दे पाएगा, 83 जेट विमानों के लिए फरवरी 2021 में 46,898 करोड़ रुपये का सौदा हुआ था.
2025 तक मिलने की उम्मीद
मार्च 2023 में GE इंजन की डिलीवरी शुरू होनी थी, लेकिन अमेरिकी कंपनी GE द्वारा एक और साल की देरी की सूचना के बाद अब अप्रैल 2025 से इंजन मिलने की उम्मीद है.
हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीऔर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका दौरे पर इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाया था. GE का कहना है कि दक्षिण कोरियाई सप्लायर से आपूर्ति में परेशानी होने के कारण यह देरी हुई है.
क्या भारत लगाएगा फाइन?
वहीं सूत्रों के अनुसार $716 मिलियन के अनुबंध के अनुसार HAL चाहे तो पेनल्टी लगा सकता है, क्योंकि ये एक कमर्शियल कॉन्ट्रैक्ट है तो इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
हालांकि रक्षा मंत्रालय ने GE पर किसी भी तरह के फाइन की पुष्टि नहीं की है. वहीं अगर इसे अमेरिकी कंपनी GE की नजर से देखें तो यह एक लॉजिस्टिक समस्या है GE का कहना है कि उसे अपने एक दक्षिण कोरियाई सप्लायर से आपूर्ति श्रृंखला में समस्याओं का सामना करना पड़ा है.
इस फाइटर एयरक्राफ्ट की जरूरत
IAF को 114 नए 4.5-पीढ़ी(Generation) के मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) की भी सख्त जरूरत है। इन्हें भारत में विदेशी सहयोग से बनाया जाना है। इसकी शुरुआती लागत 1.25 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। लेकिन यह प्रोजेक्ट भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है।