Air Pollution In Delhi-NCR: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में दिवाली के बाद हालात और भी खराब हो गए हैं, हवा एक बार फिर और अधिक खराब हो गई, प्रदूषण के चलते दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम समेत एनसीआर के सभी इलाके धुंध की चादर में लिपटी हुए दिखाई दिए.

प्रतिबन्ध के बावजूद फोड़े गए पटाखे

जैसा की दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए दिवाली के मौके पर सरकार ने पटाखों पर बैन लगाया है, उसके बाद भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता देखा गया. पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के अंदर बड़ी तादाद में पटाखे की खरीद फरोख्त होती है.

इसके साथ ही दीपावली के दिन जमकर आतिशबाजी भी की जाती है, जिससे प्रदूषण का स्तर और भी ज्यादा खराब हो जाता है. सवाल तो यह खड़ा होता है कि प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में इतनी बड़ी मात्रा में पटाखे आते कैसे हैं.

प्रदूषण के चलते सांस लेना मुश्किल

वहीं प्रदूषण के चलते विजिबिलिटी भी कम हो गई, CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, 1 नवंबर को सुबह 6 बजे दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता 395 के साथ “बहुत खराब” श्रेणी में रही, जबकि इंडिया गेट के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 317 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में रहा.

बता दें कि नई दिल्ली (New Delhi) वायु गुणवत्ता के मामले में भारत के सबसे खराब शहरों में से एक है, आमतौर पर दिवाली के एक दिन बाद यह जहरीले धुएं में लिपटा रहता है.

एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज

राजधानी में गुरुवार को दिवाली की रात पटाखों के इस्तेमाल के कारण कई स्थानों पर एक्यूआई ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई थी, सरकार लोगों से पर्यावरण के अनुकूल पटाखे और लाइट शो जैसे अधिक टिकाऊ विकल्प चुनने की अपील करती है, लेकिन अक्सर ही नियम का उल्लंघन किया जाता है.

पटाखे सड़क किनारे की दुकानों और दुकानों से आसानी से खरीदे जा सकते हैं, नई दिल्ली के कुछ निवासियों ने कहा कि प्रतिबंध से बहुत फर्क नहीं पड़ता है, जबकि अन्य इसे प्रदूषण से लड़ने के लिए एक आवश्यक उपाय के रूप में देखते हैं.