Retail Inflation: एक बार फिर से महंगाई ने जनता को बड़ा झटका दे दिया है, अक्टूबर के महीने में देश की खुदरा महंगाई के आंकड़ें एक बार फिर से बढ़ गए हैं और 14 महीने के हाई पर पहुंच गए हैं.

सितंबर के मुकाबले में खुदरा महंगाई के आंकड़ों में 0.72 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जिसके बाद देश में रिटेल महंगाई आरबीआई के टॉललेंस लेवल 6 फीसदी से ऊपर पहुंच गई है.

कब मिलेगी महंगाई से राहत?

सितंबर के महीने में रिटेल महंगाई के आंकड़ें 9 महीने के हाई पर थे, जो अक्टूबर के महीने में 14 महीने के हाई पर पहुंच गए हैं. जानकारों की मानें तो नवंबर और दिसंबर महीने के आंकड़ों में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है.

सितंबर 2024 में खराब मौसम और सब्जियों के महंगे होने से रिटेल इन्फ्लेशन बढ़कर 5.49 फीसदी पर पहुंच गई थी, अक्टूबर में भी खाने-पीने की चीजों के दाम में उछाल दिखा, जिसके चलते महंगाई दर में एक्सपर्ट के अनुमान से भी अधिक उछाल दिखा है.

खतरे के निशान पर महंगाई

सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को खुदरा महंगाई 4 फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी है, इसमें 2 फीसदी घट-बढ़ हो सकता है, इसका मतलब है कि महंगाई अगर 2 से 6 फीसदी के दायरे में रहती है, तो यह केंद्रीय बैंक के लिए संतोषजनक आंकड़ा होता है.

लेकिन, इस दायरे के बाहर जाते ही महंगाई सरकार और आरबीआई के लिए चिंता का कारण बन जाती है, आपको बता दें की अक्टूबर में महंगाई 6 फीसदी के पार पहुंच गई है, ऐसे में आरबीआई की चिंता बढ़ी होगी और हो सकता है कि वह इस बारे में कोई उपाय भी करे.

प्याज की कीमतों में उछाल

रसोई में इस्तेमाल होने वाली चीजों, खासकर प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी चिंताजनक है. प्याज की थोक कीमतें 40-60 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं, कुछ क्षेत्रों में 8 नवंबर तक कीमतें 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं.