प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जलवायु परिवर्तन पर बात करते हुए कई अहम बातें कहीं. व्यवहार परिवर्तन से जलवायु परिवर्तन से कैसे निपटा जा सकता है, इस बारे में बात करते हुए पीएम मोदी कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन से सिर्फ कांफ्रेंस टेबल पर बैठकर नहीं लड़ा जा सकता, बल्कि हर घर में डाइनिंग टेबल से इसका मुकाबला करना होगा. कोई विचार उस समय जन आंदोलन में बदल जाता है जब वह चर्चा की मेज से खाने की मेज पर पहुंचता है।
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पीएम मोदी ने विश्व बैंक के कार्यक्रम ‘इसे व्यक्तिगत बनाना: जलवायु परिवर्तन से कैसे व्यवहार परिवर्तन से निपटा जा सकता है’ के दौरान यह बात कही. वीडियो संदेश जारी करते हुए पीएम मोदी ने मिशन लाइफ की बात की और बताया कि यह मुद्दा उनके दिल के करीब है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह इसे ग्लोबल होते देख काफी खुश हैं।
#WATCH | Climate change cannot be fought from conference tables alone, it has to be fought from the dinner tables in every home. When ideas move from discussion tables to dinner tables, it becomes a mass movement: Prime Minister Narendra Modi at the World Bank programme on… pic.twitter.com/DmtJRMLK2d
— ANI (@ANI) April 15, 2023
पीएम मोदी ने वीडियो संदेश में बताया, इसके बीज बहुत पहले बो दिए गए थे. 2015 यूएनजीए में उन्होंने व्यवहार में बदलाव की बात कही थी। तब से एक लंबा सफर तय किया है। अक्टूबर 2022 में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और उन्होंने संयुक्त रूप से मिशन LiFE का उद्घाटन किया।
#WATCH | Chanakya once said, 'small drops of water when they come together, fill up a pot', similarly knowledge, good deeds or wealth add up gradually… When millions make the right decisions for our planet, the impact is huge: PM Modi at World Bank programme on Climate Change pic.twitter.com/qAGs8daM0R
— ANI (@ANI) April 15, 2023
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे मिशन लाइफ के तहत हमारे प्रयास विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं, स्थानीय निकायों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने से लेकर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने तक। चाणक्य के विचार को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘पानी की छोटी-छोटी बूंदें जब एक साथ आती हैं तो घड़ा भर जाता है’. इसी तरह ज्ञान, अच्छे कर्म या धन धीरे-धीरे जुड़ते हैं।