क्या इंटेलिजेंस की नाकामी से जल उठा नूंह! अप्रैल में मिले इनपुट से भी नहीं जागी पुलिस

हरियाणा के नूंह में सोमवार से शुरू हुई हिंसा के पीछे पुलिस की नाकामी को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. बताया जा रहा है कि हिंसा के शुरुआती समय में पुलिस प्रशासन की ओर से हालात की सटीक समीक्षा नहीं की गई और ग्राउंड लेवल पर इतने बड़े बवाल को रोकने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई थी. यात्रा के वक्त पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती नहीं की गई थी. नूंह के एसपी वरुण सिंहला छुट्टी पर चल रहे थे जिसकी वजह से पुलिस समय रहते मुस्तैदी नहीं दिखा पाई और मामला बड़ा हो गया. दूसरी ओर पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस भी कई अहम जानकारी इकट्ठा में करने में विफल रहा है.

जिले के एसपी वरुण सिंगला की गैरमौजूदगी में जिले के कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी एएसपी उषा कुंडू जिले की कानून-व्यवस्था संभाल रही थीं. जबकि अतिरिक्त चार्ज पलवल के SP लोकेन्द्र सिंह के पास था. ऐसे में जिस वक्त हिंसा शुरू उस समय पुलिस स्थिति का सटीक आकलन नहीं कर पाई और देखते ही देखते बवाल ने बड़ा रूप ले लिया. हालांकि, हिंसा पर काबू करने के लिए जिले में फिलहाल केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी गई है.

वहीं, हरियाणा की सीआईडी डिपार्टमेंट और नूंह पुलिस का लोकल इंटेलिजेंस इनपुट, जिसने इतने बड़े स्तर पर पत्थरबाजी के लिए जमा किए जा रहे पत्थरों के साथ ही पेट्रोल बम और अन्य हथियारों के बारे में वक्त पर सटीक जानकारी पुलिस को नहीं दी. ना ही यात्रा स्थल के रूट के आसपास दूसरे समुदाय के भारी संख्या में इकट्ठा हो रहे लोगों की जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराई गई.

पुलिस और सीआईडी डिपार्टमेंट में तालमेल नहीं

इस पूरी घटना में हरियाणा सरकार के गृह मंत्रालय के अंडर में आने वाली हरियाणा पुलिस और सीधा सीएमओ को रिपोर्ट करने वाले सीआईडी डिपार्टमेंट के बीच कोई तालमेल नहीं दिखा. लोकल इंटेलिजेंस से लेकर सीआईडी विभाग की तरफ से कोई भी इंटेलिजेंस रिपोर्ट या इनपुट हरियाणा पुलिस को नहीं भेजी गई. हरियाणा में पुलिस और सीआईडी को लेकर तनातनी इस सरकार के पहले दिन से देखने को मिली थी.