Chandrayaan-3 आज शाम सात बजे के आसपास चंद्रमा के ऑर्बिट में जाएगा. अभी तक वह 288 km x 3.70 लाख किलोमीटर की ऑर्बिट में था. अब वह चांद की ग्रैविटी वाले इलाके में जाएगा. यहां पर इसरो एक ऑर्बिट मैन्यूवर करेगा. ताकि चंद्रयान-3 चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ सके. ताकि किसी तरह की गलती का कोई चांस न रहे.
इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने बताया कि अब तक सबकुछ सही है. प्लान के मुताबिक चल रहा है. चांद के चारों तरफ पांच ऑर्बिट मैन्यूवर होंगे. जिसमें आज का लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (Lunar Orbit Injection – LOI) शामिल है. फिलहाल तो यह अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा. बाद में इसे कम करके 100 किलोमीटर की गोलाकर ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा. यह काम 17 अगस्त तक पूरा किया जाएगा.
Chandrayaan-3 आज शाम सात बजे के आसपास चंद्रमा के ऑर्बिट में जाएगा. अभी तक वह 288 km x 3.70 लाख किलोमीटर की ऑर्बिट में था. अब वह चांद की ग्रैविटी वाले इलाके में जाएगा. यहां पर इसरो एक ऑर्बिट मैन्यूवर करेगा. ताकि चंद्रयान-3 चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ सके. ताकि किसी तरह की गलती का कोई चांस न रहे.
इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने बताया कि अब तक सबकुछ सही है. प्लान के मुताबिक चल रहा है. चांद के चारों तरफ पांच ऑर्बिट मैन्यूवर होंगे. जिसमें आज का लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (Lunar Orbit Injection – LOI) शामिल है. फिलहाल तो यह अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा. बाद में इसे कम करके 100 किलोमीटर की गोलाकर ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा. यह काम 17 अगस्त तक पूरा किया जाएगा.