बजट नहीं है, तो सरपंच और ग्रामीणों ने चंदा जोड़कर स्कूल के लिए सीसीटीवी कैमरा खरीदा, जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने अनुमति भी दे दी, लेकिन जब कैमरा स्कूल में लगना शुरू हुआ तो पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया कि यह क्रांति हर गांव में आ गई तो फिर आफत हो जाएगी और एक बड़ा षड्यंत्र इस क्रांति को रोकने के लिए हुआ, जिसके बाद सीसीटीवी कैमरा लगने से रोक दिया गया.

ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ इस वजह से स्कूल में CCTV कैमरा लगवाने चाहते थे, क्योंकि शिक्षक समय पर नहीं आते और न ही स्कूल में बच्चों को शिक्षा मिलती है. अगर सीसीटीवी कैमरा लग जाए तो स्कूल के हालत को बदला जा सकता है.

यह मामला टीकमगढ़ जिले के अस्तौन गांव का है, जहां ग्रामीणों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है, क्योंकि उनके गांव के सरकारी स्कूल का हाल बदहाल है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां तो कई शिक्षक महीनों नहीं आते हैं और जो आते हैं, वह मोबाइल चलाकर स्कूल में दिन निकाल देते है.

यही वजह है कि गांववालों ने सरपंच के साथ मिल कर स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगवाने का निर्णय लिया, लेकिन हम तो तैयार थे, लेकिन सरकारी बजट नहीं था तो फिर हम सबने चंदा जोड़ा सरपंच ने जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन पत्र देकर सीसीटीवी स्कूल में लागने की अनुमति मांगी और फिर शिक्षा विभाग ने अनुमति भी तत्काल दे दी.

सीसीटीवी लगने लगा तो मची हड़कंप, शिक्षा विभाग ने रचा षड़यंत्र

स्कूल में सीसीटीवी लगने का काम शुरू होते ही हड़कंप मच गया. कैमरों को स्कूल में लगने से शिक्षकों ने रोक दिया, जिसके बाद सरपंच पति पुष्पेन्द्र यादव जिला शिक्षा अधिकारी के पास जाते हैं और कहते हैं कि आपने तो अनुमति प्रदान कर दी, लेकिन शिक्षक कैमरे लगाने नहीं दे रहे हैं.