उत्तर प्रदेश के महराजगंज के पास इंडो-नेपाल बॉर्डर के सोनौली बॉर्डर से अवैध रूप से भारत में एंट्री करते हुए उज्बेकिस्तान की महिला को सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया. उसका नाम दिलबर राखिमोवा है. सुरक्षा एजेंसियों ने जब पूछताछ की तो बड़ा खुलासा हुआ. उज्बेक महिला ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि वह गुड़गांव में अपने मित्र कार्तिक के घर रुकी थी.

दिलबर राखिमोवा 8 अगस्त को जयपुर चली गई. इसके बाद 10 अगस्त की दोपहर तक वो उदयपुर में रही, इसके बाद शाम को दिल्ली चली गई. फिर 11 अगस्त को गोरखपुर पहुंची और सोनौली बॉर्डर से सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देते हुए नेपाल चली गई. नेपाल से वापसी के दौरान वह पकड़ी गई. सुरक्षा एजेंसियों ने उसे पकड़कर पूछताछ की तो पूरा मामला खुल गया.

अफसरों का कहना है कि उज्बेकिस्तान की महिला ने फर्जी आधार कार्ड दिल्ली में बनवाया था. पुलिस यह जांच कर रही है कि महिला ने दिल्ली में किस जगह और किससे फर्जी आधार कार्ड बनवाया. महिला को फर्जी आधार कार्ड के जरिए अनधिकृत रूप से सरहद पार करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

जांच में यह भी पता चला है कि भारत से नेपाल जाने का उसका कोई भी अधिकृत विवरण नहीं है. महिला आव्रजन प्रक्रिया पूरी किए बिना ही अनधिकृत रूप से नेपाल चली गई. सरहद पर सुरक्षा कर्मियों को भी इसकी भनक नहीं लगी. वह भारत से नेपाल जाने के दौरान सुरक्षा कर्मियों को चकमा देने में कामयाब रही.

सुरक्षा एजेंसियों को महिला ने बताया कि वह दिल्ली के अपने पुरुष मित्र कार्तिक के साथ राजस्थान के उदयपुर और जयपुर में दो दिन रुकी थी. इसके पहले दो दिन दिल्ली में रही. देश में वह आराम से भ्रमण करते हुए 10 अगस्त को दिल्ली पहुंची. इसके बाद रोडवेज बस से गोरखपुर पहुंची. यहां से वह एक टैक्सी बुक कर सीधे सोनौली पहुंची. यहां इमिग्रेशन विभाग को चकमा देकर वह नेपाल चली गई.

नेपाल में भारतीय सरहद के पास नेपाल के भैरहवा में उज्बेक महिला ने दिल्ली की रहने वाली महिला मित्र निक्की के नाम से एक बड़े होटल में रुम बुक किया. तीन दिन वह होटल रुकी रही. इसके बाद यहां से वह दिल्ली जाने के लिए बेलहिया पहुंची.