वाराणसी का ज्ञानवापी का मामला अभी कोर्ट में है, लेकिन कोर्ट के बाहर भी विवाद को सुलझाने की कोशिश जारी है. आपस में ही मामले को खत्म करने को लेकर हिंदू पक्ष की अपील के बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से विवाद खत्म कराने का भरोसा दिया गया है. हालांकि इस बीच हिंदू पक्ष के सीनियर वकील हरिशंकर जैन ने दो-टूक लहजे में कहा कि हम कोई समझौता नहीं करेंगे. काशी की एक इंच जमीन भी नहीं देंगे.

ज्ञानवापी मसले को लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ और हिंदू पक्ष के वकील दोनों अलग-अलग बातें कह रहे हैं. वैदिक सनातन संघ ने 14 अगस्त को ज्ञानवापी मसले पर मुस्लिम पक्ष से आपसी बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की अपील की थी. जिस पर मुस्लिम पक्ष ने सकारात्मक अंदाज में जवाब दिया. ज्ञानवापी परिसर की देख-रेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के पास अब प्रस्ताव रखा जाएगा.

वे लोग फूट डालना चाह रहेः जैन

विश्व वैदिक संगठन की ओर से मुस्लिम संगठनों से कोर्ट के बाहर समझौता किए जाने की बात पर वकील हरिशंकर जैन ने कहा, “किस संगठन ने बात की है, मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता. कोई भी संगठन ऐसा नहीं है, जो हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करता हो, या फिर जो शिव भक्त हैं, उनके बारे में उनको अधिकार हो कि किसी भी मंदिर की संपत्ति के बारे में या उनकी जमीन के बारे में समझौता कर सकें.” उन्होंने आगे कहा, “मैं साफ तौर यह कहना चाहता हूं कि जो लोग इस तरह का मुहिम चला रहे हैं वो लोगों को भ्रमित कर रहे हैं. हिंदू लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रहे हैं. फूट डालना चाहते हैं, वो एक तरह से हिंदुओं के लिए गद्दार हैं. सभी को सावधान रहने की जरुरत है.”

हरिशंकर जैन ने कहा, “इस केस की मुहिम की शुरुआत मैंने की है. मैंने मामले में अब तक 6 केस दाखिल किए हैं. अलग-अलग तरह के केस दाखिल किए गए हैं. पूजा-पाठ करने का अधिकार, 5 कोस तक धार्मिक क्षेत्र तय करने का अधिकार जैसे कई मामलों पर मैंने केस किया है. फैसला कोर्ट को करना है. इसमें किसी तरह का कोई समझौता या गिव एंड टेक नहीं हो सकता है.