Chandrayaan 3 Landing: भारतीय समय के अनुसार शाम लगभग 6:04 पर चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतर चुका है. भारत विश्व का चौथा देश बन गया है. सॉफ्ट लैंडिंग के द्वारा चंद्रमा पर उतरेगा और चंद्रमा के सुदूर दक्षिणी और अंधकार वाले क्षेत्र में पहुंचने वाले भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हो सकती है, इसलिए भारत और इसरो (ISRO) के वैज्ञानिक ही नहीं, प्रत्येक भारतवासी यही दुआ कर रहा है कि आज यह मिशन हर हाल में सफल हो जाए और भारत का डंका पूरे विश्व में बजे.
सभी जानते हैं कि भारत के चंद्रयान-3 मिशन के कुछ समय बाद शुरू किया गया लूना-25 मिशन, जो रूस के द्वारा शुरू किया गया था, वह तकनीकी खामियों के चलते असफल हो चुका है.
भारत का भी पिछला चंद्रयान -2 मिशन असफल हो चुका है, इसलिए इस बार हर भारतवासी यही शुभ कामना कर रहा है कि चंद्रयान 3 अपने मिशन में कामयाब हो और सॉफ्ट लैंडिंग करके चंद्रमा की सतह पर भारत का परचम लहराए.
ज्योतिष के अनुसार देखें तो स्पष्ट रूप से एक बात कही जा सकती है कि चंद्रयान के चंद्रमा की सतह पर उतरने में कुछ परेशानियां सामने आने वाली हैं और यह मिशन अत्यंत जटिल और कठिन परिस्थितियों से होकर गुजरने वाला है. विशेष रूप से लैंडिंग से पूर्व का समय बहुत ज्यादा परेशानीजनक होगा लेकिन सूर्य और बुध का जो बुधादित्य योग है, वह भारतीय वैज्ञानिकों की तकनीकी सूझबूझ, कर्मठता और कार्य कुशलता की बदौलत इस कठिन समय में से भी एक चुनौती के रूप में इस स्थिति को संभालते हुए चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 को उतारने में सफल हो सकते हैं. वैसे भी प्रत्येक भारतवासी यही चाहता है.
चार ग्रह निभा सकते हैं विशेष भूमिका
शाम को 6:04 पर ग्रहों की स्थिति देखें तो चंद्रमा, केतु के साथ और बृहस्पति, राहु के साथ विराजमान होकर एक दूसरे पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे. मकर लग्न का यह समय होने की संभावना है, जिस पर नैसर्गिक रूप से शुभ और योग कारक ग्रह शुक्र की पूर्ण दृष्टि होगी.
शनि अपनी राशि में मजबूत होंगे और अष्टम भाव में बुध और सूर्य विराजमान होंगे तथा मंगल महाराज चतुर्थेश और एकादशेश होकर नवम भाव में विराजमान होंगे और वहां से द्वादश भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे. ग्रहों की यह स्थिति कुछ जटिल तकनीकी समस्याओं की ओर इशारा अवश्य कर रही है लेकिन समस्याओं से निकलने में भी ग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका दिखाई दे रही है.